कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में लगा हिजाब बैन फिलहाल जारी रहेगा. मामले की सुनवाई करने वाले दोनों जजों में मतभेद उभर कर सामने आ गए हैं. खंडपीठ के एक जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने जहां हाई कोर्ट का फैसला पलटने के पक्ष में फैसला लिखा है, वहीं जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखने के पक्ष में फैसला सुनाया. अब बड़ी बेंच का गठन करने के लिए CJI को मामला भेजा जा रहा है.
इससे पहले जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने 10 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद 22 सितंबर को इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. खंडपीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली कुल 23 याचिकाओं पर सुनवाई की थी.
इस याचिका में कर्नाटक सरकार पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि हिजाब बैन का फैसला मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए किया गया है. मुस्लिम छात्राओं की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई है कि हिजाब पहनने से किसी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं होता है. तर्क ये भी दिया गया है कि अगर स्कूलों में पगड़ी, कड़ा और बिंदी पर बैन नहीं तो हिजाब पर क्यों? हिजाब धार्मिक आजादी के अधिकार के दायरे में है. एक रिपोर्ट के मुताबिक हिजाब बैन के बाद 17000 छात्राओं ने परीक्षा नहीं दी या पढ़ाई छोड़ दी.
कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच के विभाजित फैसले के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने उसे CJI के पास भेज दिया, ताकि मामले को बड़ी पीठ के पास भेजा जा सके और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील सुनी जा सके. इससे पहले अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस सुधांशु धुलिया ने मुस्लिम छात्राओं का पक्ष लिया.
कर्नाटक सरकार के आदेश के खिलाफ कुछ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. 15 मार्च, 2022 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने छात्राओं की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.
छात्राओं के प्रेस कॉन्फ्रेन्स और विरोध के बाद कर्नाटक सरकार ने 5 जनवरी 2022 को राज्य के सभी स्कूलों-कॉलेजों में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दिया था.
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद साल 2021 के दिसंबर और 2022 के जनवरी में शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर एंट्री ली थी. कॉलेज प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था, बावजूद इसके लड़कियां दोबारा हिजाब पहनकर आ गई थीं. बाद में छात्राओं ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स किया था.