कर्नाटक: हिजाब में परीक्षा देने पहुंची छात्रा को रोका गया, एग्जाम सेंटर पर रहे कड़े इंतजाम

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वह सिविल ड्रेस में परीक्षा देने आई थी. उसने यूनिफॉर्म ड्रेस कोड का पालन नहीं किया और बुर्का पहन रखा था. बाद वह मान गई और अब वह अपनी परीक्षा दे रही है." 

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
अधिकारियों ने कहा कि उसे कपड़े बदलने और बुर्का उतारने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था.
बेंगलुरु:

कर्नाटक में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी हैं. इस बीच राज्य के हुबली जिले में बुर्का पहनकर पहुंची छात्रा को परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया और स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर वापस लौटने के बाद ही उसे पेपर के लिए उपस्थित होने की अनुमति दी गई. इस मामले में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि उसे कपड़े बदलने और बुर्का उतारने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी धारवाड़ मोहन कुमार ने कहा, "वह सिविल ड्रेस में परीक्षा देने आई थी. उसने यूनिफॉर्म ड्रेस कोड का पालन नहीं किया और बुर्का पहन रखा था. हमने उसे आश्वस्त किया कि उसे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा. जिसके बाद वह मान गई और अब वह अपनी परीक्षा दे रही है." 

वहीें, बागलकोट जिले में भी इस तरह का मामला सामने आया, जहां बुर्का उतारने के लिए कहने पर छात्रा ने परीक्षा छोड़ने का फैसला किया.

दरअसल, सोमवार से शुरू हुई हाईस्कूल की परीक्षा के साथ ही कर्नाटक के मंत्रियों ने कहा कि हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन करने वाले छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के मुताबिक, नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ज्ञानेंद्र ने कहा, "जो कोई भी नियम का उल्लंघन करेगा उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. हम इससे समझौता नहीं करेंगे. सभी को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. छात्रों को हिजाब उतारकर ही परीक्षा देनी होगी."

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने भी यही भावना व्यक्त की. उन्होंने कहा, "सरकारी नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस स्वाभाविक रूप से कार्रवाई करेगी. मुझे विश्वास है कि कोई भी बच्चा ऐसी चीजों का मौका नहीं देगा." उन्होंने छात्रों से बिना किसी डर के आत्मविश्वास से परीक्षा का सामना करने को कहा.

Advertisement

बता दें कि राज्य भर के 3,440 केंद्रों में 48,000 से अधिक हॉल में परीक्षा में बैठने के लिए 8.74 लाख से अधिक छात्रों ने नामांकन किया है. आखिरी परीक्षा 11 अप्रैल को है. समाचार एजेंसी के मुताबिक कुछ मुस्लिम लड़कियों ने इसके विरोध में परीक्षा का "बहिष्कार" करने की धमकी दी थी.

गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में फैसला सुनाया था कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और सभी को अपने स्कूलों या कॉलेजों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए.

Advertisement

वहीं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कहा कि सभी को दसवीं की परीक्षा लिखकर पास करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं सभी छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं. यह एक महत्वपूर्ण परीक्षा है. COVID-19 को देखते हुए हमने इस वर्ष परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं. हमारी इच्छा है कि सभी परीक्षा के लिए उपस्थित हों और इसे पास करें और अपने उज्ज्वल भविष्य को आकार दें." 

यह भी पढ़ें:
Karnataka SSLC 10th Exams 2022: 8 लाख छात्र दे रहें 10वीं की परीक्षा, परीक्षा केंद्र पर हिजाब नॉट अलॉउट
'उन्हें उड़ने दीजिये, उनके पंख मत काटिये' : हिजाब मुद्दे पर मिस यूनिवर्स हरनाज संधू
Karnataka CET 2022 exam: 16 जून से होगा कॉमन एंट्रेस टेस्ट, आवेदन प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू

Advertisement

कर्नाटक: दुकानों तक पहुंचा सांप्रदायिक विवाद, मंदिर परिसरों से अल्‍पसंख्‍यकों की दुकानें हटाने की मांग

Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: 10 साल, 20 देशों से सम्मान, PM मोदी ने रचा नया इतिहास
Topics mentioned in this article