कर्नाटक सरकार की फ्री बस 'शक्ति' स्कीम पर संकट: कांग्रेस विधायक ने उठाया 900 करोड़ बकाया का मुद्दा

कर्नाटक सरकार द्वारा महिला यात्रियों को फ्री बस सेवा मुहैया कराने के वादे के बावजूद, निगमों की रोजाना की लागत तेजी से बढ़ी है. कांग्रेस विधायक राजू कगे ने बताया कि NWKRTC को लगभग ₹900 करोड़ मिलना था, लेकिन अब तक वह राशि नहीं मिली है, जिससे निगम घाटे में चल रहा है.

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Karnataka Free Bus Travel Scheme: कांग्रेस विधायक राजू कगे ने दावा किया है कि सरकार ने अब तक स्कीम के तहत 900 करोड़ रुपये की पेमेंट नहीं की है, जिससे निगम गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है.. 
नई दिल्ली:

कर्नाटक सरकार की महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा योजना 'शक्ति स्कीम एक बार फिर सवालों के घेरे में है. इस बार आवाज खुद कांग्रेस पार्टी के भीतर से उठी है. कांग्रेस विधायक और नॉर्थ वेस्ट कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NWKRTC) के चेयरमैन और कांग्रेस विधायक राजू कगे ने दावा किया है कि सरकार ने अब तक स्कीम के तहत 900 करोड़ रुपये की पेमेंट नहीं की है, जिससे निगम गंभीर वित्तीय संकट में पहुंच गया है. 

उन्होंने साफ कहा कि अगर यह बकाया राशि समय पर मिल जाती, तो निगम घाटे से उबर सकता था. लेकिन दो साल बीतने के बाद भी फंड रिलीज नहीं हुआ है, जिससे हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. 

शाक्ति योजना के भुगतान में देरी

कर्नाटक सरकार द्वारा महिला यात्रियों को फ्री बस सेवा मुहैया कराने के वादे के बावजूद, निगमों की रोजाना की लागत तेजी से बढ़ी है. यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है लेकिन उस रेश्यो में रिम्बर्समेंट के रूप में मिलने वाले पैसे नहीं पहुंचे हैं.

कांग्रेस विधायक राजू कगे ने बताया कि NWKRTC को लगभग ₹900 करोड़ मिलना था, लेकिन अब तक वह राशि नहीं मिली है, जिससे निगम घाटे में चल रहा है.

सरकार ने दिया ये का जवाब

परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इस  पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार ने रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन्स (RTCs) के लिए पहले ही 2,000 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया था, जिसमें से पहले चरण में 500 करोड़ रुपये NWKRTC को जारी भी किया जा चुका है. इसके अलावा, 700 नई बसों की खरीद के लिए करीब 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यानी सरकार की तरफ से कुल 850 करोड़ रुपये का सपोर्ट सिस्टम तैयार किया गया है.

हालांकि, इन आंकड़ों के बावजूद निगमों के सामने जो असली वित्तीय तस्वीर है वह कहीं ज्यादा गंभीर है. संचालन खर्च, कर्मचारियों की पेंशन, फ्यूल बिल्स और अन्य देनदारियों को मिलाकर करीब ₹4,800 करोड़ का भारी भरकम बकाया अभी भी बाकी है. ऐसे में सिर्फ आंशिक मदद से स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकती.

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बकाया पैसा रिलीज किए बिना हालात सुधरना मुश्किल

शक्ति योजना से महिलाओं को फ्री में बस यात्रा की सुविधा जरूर मिली है, लेकिन इससे रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी RTCs पर बड़ा दबाव भी बढ़ गया है.निगमों का कहना है कि बसों की संख्या बढ़ाने, उनकी मेंटेनेंस, ईंधन खर्च और कर्मचारियों की सैलरी जैसी जरूरतों के बीच यह योजना अब घाटे की वजह बन रही है. खासकर NWKRTC जैसे निगमों का कहना है कि जब तक सरकार बकाया पैसा रिलीज नहीं करती, तब तक हालात सुधरना मुश्किल है.

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