कर्नाटक : जेडीएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं के दिल मिलाने की कोशिश, कांग्रेस में असंतोष

लोकसभा चुनाव 2024 : बेंगलुरु में बीजेपी और जेडीएस समन्वय समिति की बैठक, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
तुमकुरु में बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हुआ था.
बेंगलुरु:

Lok Sabha Elections 2024: कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस ने हाथ तो मिला लिए लेकिन कार्यकर्ताओं के दिल मिलाना आसान नहीं है, इसका अहसास दोनों पार्टियों के नेताओं को भी है. बेंगलुरु में बीजेपी और जेडीएस समन्वय समिति की बैठक में मुद्दा यही था कि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर गठबंधन की जीत सुनिश्चित करना है, लेकिन क्या यह इतना आसान है?

येदियुरप्पा के बेटे बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्रा और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने हाथ तो मिला लिए लेकिन नज़रें नहीं मिल रही हैं. सन 2005 में इसी तरह कुमारस्वामी ने विजेंद्रा के पिता येदियुरप्पा से हाथ मिलाकर सरकार बनाई थी, लेकिन जब सत्ता बीजेपी को देने का मौका आया तो जेडीएस ने धोखा दिया. उसने सत्ता येदियुरप्पा को नहीं दी. इससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा. करीब दो दशक बाद एक बार फिर दोनों पार्टियां साथ आई हैं. मकसद कांग्रेस को कर्नाटक में लोकसभा चुनावों में खाता खोलने से रोकना है.

समन्वय बैठक में देवेगौड़ा भी मौजूद थे, जो कि बीजेपी के साथ जाने के अपने बेटे कुमारस्वामी के फैसले के खिलाफ थे, लेकिन अब उम्र का तकाजा है... वे अपने काडर को साफ संदेश देना चाहते हैं कि वह गठबंधन धर्म का पालन करे. तुमकुर में जिस तरह बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के दौरान मंच पर आपस में भिड़े, ऐसे हालात दुबारा न बनें इसी के लिए कोशिश की जा रही है.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजेंद्रा ने कहा कि, यह लोकसभा चुनाव बीजेपी या जेडीएस के बारे में नहीं है. यह इन सबसे परे है और इसका उद्देश्य पीएम मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाना है. इस बैठक ने पार्टी कार्यकर्ताओं को ताकत दी है और हमें पूरा भरोसा है कि हम सभी 28 सीटें जीतेंगे."

एक तरफ जहां बीजेपी और जेडीएस अपने कार्यकर्ताओं का दिल मिलाने की कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस भी असंतोष का शिकार है. वह कोलार सुरक्षित सीट पर उमीदवार तय नहीं कर पा रही है.

सात बार सांसद रहे कर्नाटक के मौजूदा खाद्य और आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा अपने दामाद चिक-पेदन्ना को टिकट दिलवाना चाहते हैं. इसके विरोध में कोलार जिले के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने विद्रोह कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस अब तक कोलार का अपना उम्मीदवार तय नहीं कर सकी है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Toshakhana Case में Imran Khan की अंतरिम जमानत सात जनवरी तक बढ़ी, PTI ने लगाए गंभीर आरोप
Topics mentioned in this article