कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के क़ानूनी सलाहकार ए एस पोनन्ना ने MUDA में हुए कथित घोटाले को लेकर राज्यपाल थावरचंद गहलोत के रवैया पर सवाल उठाए है. मामला कारण बताओ नोटिस का है जो राज्यपाल ने सिद्धरमैया को भेज कर पूछा था की उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा क्यों न चलाया जाए
ऐसे में ए एस पोनन्ना का कहना है कि "निजी कंप्लेन पर करवाई करने का कानूनी तरीका ये है की राज्यपाल टीजे अब्राहम की शिकायत को राज्य के मुख्य सचिव के पास जांच के लिए भैजते. जांच के बाद कैबिनेट के जरिए मुख्यसचिव के माध्यम से जांच रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी जाती" "लेकिन राज्यपाल ने एकतरफा नोटिस भेज दिया."
राज्य के दो बार अतिरिक्त महाअधिवक्ता रह चुके ए एस पोनन्ना का राज्यपाल से एक सवाल भी है कि "सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस ने एसआईटी का गठन किया, जांच की और बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके मुर्गेष निरानी, जनार्दन रेड्डी और शशिकला जोले के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत लोकायुक्त पुलिस ने राज्यपाल से मांगी लेकिन अबतक उन्होंने इजाजत नहीं दी, क्यों" "इजाजत राज्यपाल ने एनडीए के सहयोगी दल जेडीएस नेता, मौजूदा केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी के खिलाफ भी नही दी है."
ए एस पोनन्ना का कहना है की "मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर राज्यपाल को फैसला लेना ही होगा, चाहे वो जो भी हो"
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश पी एन देसाई की अध्यक्षता में MUDA में हुए कथित घोटाले की जांच के आदेश दिए है