बेंगलुरु में बिना इजाजत विरोध- प्रदर्शन मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. स्पेशल MP/ MLA कोर्ट के समन पर भी रोक लगा दी है. कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल, रामालिंगा रेड्डी और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर छह हफ्तों में जवाब मांगा है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल, रामालिंगा रेड्डी और कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की 2022 में उनके खिलाफ दर्ज एक FIR को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया, राज्य कैबिनेट मंत्री एमबी पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही विशेष MP/MLA कोर्ट में शारीरिक तौर पर पेश होने का आदेश भी दिया था. सीएम सिद्धारमैया को 6 मार्च, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी को 7 मार्च, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी आरएस सुरजेवाला को 11 मार्च और भारी उद्योग मंत्री एमबी पाटिल को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया था.
दरअसल, आत्महत्या के एक मामले में नाम आने पर तत्कालीन मंत्री ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग को लेकर करते हुए सिद्धारमैया ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसे लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट में दाखिल याचिका में सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि यह सिर्फ एक विरोध-प्रदर्शन था. इससे कानून-व्यवस्था का कोई उल्लंघन नहीं हुआ. बाद में ईश्वरप्पा ने पद छोड़ दिया था. वर्तमान सीएम सहित कांग्रेस नेताओं ने अप्रैल 2022 को ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में केएस ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था.