4-5 लोगों के बीच हुई थी 'सीक्रेट डील'... CM पद से पीछे हटने को तैयार नहीं शिवकुमार! अब क्या करेंगे खरगे-राहुल?

डीके शिवकुमार ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी में चार-पांच लोगों के बीच एक ‘‘गुप्त समझौता’’ है और उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है.

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  • सीएम बदलने को लेकर उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के समर्थन में कई विधायक दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से मिले
  • कांग्रेस विधायक सीएम बदलने के मुद्दे पर स्पष्टता और नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग कर रहे हैं
  • उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कर्नाटक कांग्रेस में गुटबाजी की बात को खारिज किया है
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बेंगलुरु:

कर्नाटक में मुख्यमंत्री परिवर्तन के मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर 'सत्ता संघर्ष' जारी है. उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार का समर्थन करने वाले कई विधायक पार्टी आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंच गए और शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की. पिछले हफ़्ते भी लगभग 10 विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की थी. रामनगर विधायक इकबाल हुसैन ने कहा कि सभी लोग आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे, साथ ही उन्होंने शिवकुमार के सीएम बनने को लेकर भी विश्वास जताया.

विधायकों ने कहा कि उन्होंने आलाकमान से मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भ्रम जल्द से जल्द खत्म करने का अनुरोध किया है, जबकि अन्य ने कहा कि वे प्रस्तावित मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान युवाओं या नये चेहरों को मौका देने की मांग कर रहे हैं.

राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष तेज हो गया है. 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के ढाई साल पूरा होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है, क्योंकि 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित ‘‘सत्ता साझेदारी'' समझौते का दावा किया जा रहा है.

सिद्धरमैया ने हाल ही में कहा था कि वह पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे और भविष्य में राज्य का बजट पेश करना जारी रखेंगे. वहीं शिवकुमार ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी में चार-पांच लोगों के बीच एक ‘‘गुप्त समझौता'' है और उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार, सिद्धरमैया अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जोर दे रहे हैं, वहीं शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे.

पार्टी के कई अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अगर कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंज़ूरी दे देता है, तो यह संकेत होगा कि सिद्धरमैया पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कम हो जाएंगी.

कर्नाटक के मंत्री सतीश जारकीहोली ने भी बुधवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कांग्रेस आलाकमान से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. लोक निर्माण विभाग संभाल रहे मंत्री ने कहा कि वह जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने का समय मांगेंगे. उनके अनुसार, उपमुख्यमंत्री शिवकुमार मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते हैं और उन्होंने पहले दिन से ही यह बात सबको बता दी थी, लेकिन पार्टी आलाकमान ने सिद्धरमैया को मौका दिया.

जारकीहोली ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन पर पार्टी आलाकमान को फैसला लेना है. उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया ने भी कहा है कि आलाकमान को इस पर जल्द से जल्द फैसला करना चाहिए. जब मुख्यमंत्री ऐसा कहते हैं, तो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या विधायक इससे सहमत हैं, जारकीहोली ने कहा कि फिलहाल पार्टी में ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही है.

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शिवकुमार ने पार्टी में गुटबाजी से किया इनकार

इधर उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और उसका ध्यान 2028 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनावों पर केंद्रित है. शिवकुमार मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच राहुल गांधी से मिले कथित संदेश पर खुलकर कुछ कहने से बच रहे हैं, हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि वह आने वाले दिनों में पार्टी आलाकमान से मिलने दिल्ली जा सकते हैं.

किसी भी भ्रम या गुटबाजी की बात को नकारते हुए शिवकुमार ने कहा, “...किसी को भी कोई मांग नहीं रखनी चाहिए. पार्टी में कोई गुट नहीं है, सिर्फ एक ही गुट है-कांग्रेस. हमारे साथ 140 विधायक हैं.” भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भ्रम फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए.

मैं जन्म से ही कांग्रेसी- डीके शिवकुमार

उन्होंने कहा, “वे बेवजह टिप्पणियां कर रहे हैं. हम सभी 140 लोग एकजुट हैं. कोई हमें हिला नहीं सकता. मुझे किसी का प्रस्ताव नहीं चाहिए… मैं जन्म से ही कांग्रेसी हूं.” राहुल गांधी द्वारा व्यक्तिगत संदेश भेजे जाने की खबरों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “राहुल गांधी ने मुझसे क्या कहा है, यह मीडिया में चर्चा करने की बात नहीं है. मुझे इस बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है.”

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ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बदलने से संबंधित कथित समझौते पर टिप्पणी से बचते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के मुद्दों पर चर्चा बंद कमरों में होगी. मैं किसी भी राजनीतिक विषय पर मीडिया में चर्चा नहीं करूंगा.” उन्होंने बताया कि वह जल्द ही दिल्ली जाकर पार्टी नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं.

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