दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच कंझावला केस की पीड़िता अंजलि का परिवार न्याय की मांग को लेकर कल शाम से सुल्तानपुरी थाने के बाहर धरने पर बैठा है. उनकी मांग है कि इस मामले के आरोपियों पर 302 की धारा जोड़ी जानी चाहिए. परिवार के अनुसार अंजलि को 13 किलोमीटर तक घसीटा गया. आरोपियों ने भी माना है कि पुलिस से बचने के लिए वह अंजलि को घसीटते हुए लेकर गए. जिससे उसकी मौत हुई. इसलिए 302 की धारा जोड़ी जानी चाहिए. साथ ही लापरवाही बरतने वाले दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी करवाई होनी चाहिए.
अंजलि मामा ने कहा कि देखिए जब पुलिस ने यह कबूल किया है कि लड़कों को पता था कि उनकी गाड़ी के नीचे लड़की है. फिर पुलिस ने अभी तक 302 क्यों नहीं लगाई.
दरअसल इस मामले के आरोपियों ने हाल ही में पुलिस पूछताछ में कबूल किया है कि उन्हें पता था अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गई है. वो डर के कारण गाड़ी सड़क पर दौड़ाते रहे. इस दौरान कंझावला तक के रूट में उन्होंने कई बार गाड़ी यू टर्न की. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें डर था कि लड़की को गाड़ी से निकाला तो हत्या का केस लग जाएगा और वो बुरे फंस जाएगे....क्योंकि ड्राइवर अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. इसलिए एक्सीडेंट होने के बाद आरोपियों ने लड़की को कार के नीचे से निकालने की कोशिश नहीं की.
परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने एक जनवरी को कंझावला में एक कार द्वारा 12 किलोमीटर से अधिक घसीटे जाने के बाद मारी गई 20 वर्षीय युवती के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार पीड़िता की तरफ से मुकदमा लड़ने के लिए सबसे अच्छे वकील को नियुक्त करेगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी वादा किया था कि पीड़िता की बीमार मां के इलाज का खर्च भी दिल्ली सरकार वहन करेगी. उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि सक्सेना ने पीड़िता के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए केजरीवाल द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.