देशभर में 25 मई को लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान होने वाले हैं. इसी के साथ ही झारखंड में चार सीटों रांची, गिरिडीह, धनबाद और जमशेदपुर में 25 मई को मतदान होने वाला है. यहां एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला है. लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी पूरी तरह से परवान चढ़ गई है. राजनीतिक सरगर्मी शहर के गली-कूचों से निकलकर ग्रामीण क्षेत्र के आम मतदाताओं तक पहुंच गई है. बता दें कि झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीट हैं. जिनमें से 7 सीटों पर वोटिंग हो गई है. कल छठे चरण में 4 सीटों पर वोटिंग होगी, वहीं आखिर चरण यानी 1 जून को 3 सीटों पर वोटिंग होनी है.
रांची सीट पर कड़ा मुकाबला
झारखंड की रांची सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. रांची सीट पर बीजेपी के संजय सेठ और कांग्रेस की यशस्विनी सहाय एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. इस सीट पर आदिवासी-अल्पसंख्यक मतदाताओं की गोलबंदी कांग्रेस को चुनावी मुकाबले में लाने की ओर इशारा करती है. वहीं, बीजेपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर वोट मिलने का भरोसा है. शहरी इलाकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो के बाद बीजेपी की पकड़ और मजबूत हुई है. वहीं, कांग्रेस प्रियंका गांधी की सभा में जुटी भीड़ से कांग्रेस के नेता गदगद नजर आ रहे हैं. रांची लोकसभा सीट के अन्तर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें इचागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कांके विधानसभा सीटें शामिल हैं.
जमशेदपुर लोकसभा सीट
जमशेदपुर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सांसद विद्युत बरन महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा से समीर मोहंती के बीच मुकाबला है. जमशेदपुर लोकसभा सीट झारखंड की 14 अहम सीटों में से एक है. पूर्वी सिंहभूम जिले का यह हिस्सा टाटानगर के नाम से भी जाना जाता है. विद्युत बरन महतो के बारे में ये कहा जाता है कि उनके साथ ग्रामीण और शहरी मतदाताओं का समर्थन रहा है. इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के समीर मोहंती पार्टी के परंपरागत वोट के साथ-साथ शहरी वोटर को साधने में लगे हैं. इसके साथ ही आदिवासी मतदाताओं के बीच हेमंत सोरेन प्रकरण का प्रभाव भी प्रभावी तरीके से असर डालता हुआ नजर आ रहा है. जमशेदपुर लोकसभा सीट के अन्तर्गत सूबे की छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्व, जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीटें शामिल हैं.
धनबाद लोकसभा सीट
लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके मुकाबला अनुपमा सिंह से है जिन्हें I.N.D.I.A. ने संयुक्त प्रत्याशी बनाया है. धनबाद लोक सभा क्षेत्र झारखंड के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह क्षेत्र कोयले की खानों के लिये मशहूर है. धनबाद को कोयला नगरी के नाम से भी लोग जानते है. धनबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ढुल्लू महतो की उम्मीदवारी के बाद से ही हंगामा जारी है. बीजेपी के अंदर एक खेमा ढुल्लू महतो के खिलाफ नजर आ रही है. चुनाव नजदीक आने तक बीजेपी के अंदर इस आक्रोश को पार्टी के नेता कम नहीं कर पाए हैं. बीजेपी विधायक राज सिन्हा को बीजेपी के द्वारा जारी नोटिस ने तो आग में घी डालने का काम किया है. इन सबके बीच I.N.D.I.A. की संयुक्त प्रत्याशी अनुपमा सिंह के समर्थन में उनके समाज के लोगों ने मोर्चा संभाल लिया है. इस संसदीय क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें बोकारो, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, चंदनकियारी विधानसभा सीटें शामिल हैं.
गिरिडीह लोकसभी सीट
गिरिडीह में इस बार एनडीए के मौजूदा सांसद आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी और इंडिया गठबंधन के झामुमो विधायक मथुरा महतो और चर्चित निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो के बीच मुकाबला है. जयराम महतो ने झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति नामक संगठन बनाया है. मुकाबला सबसे ज्यादा रोचक होने जा रहा है. रोचक इसलिए क्योंकि गिरिडीह लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. आजसू इस सीट पर जरूर चुनाव लड़ रही है पर यहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही नेता वोट मांग रहे हैं. वहीं, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के मथुरा महतो अपने परंपरागत वोट के आधार पर चुनावी नैया पार लगाने में जुटे हैं. पूर्व CM हेमंत सोरेन के जेल जाने का मुद्दा इस इलाके में भी छाया हुआ है. अब ऐसे में गिरिडीह लोकसभा सीट पर एक दूसरे के वोट में सेंधमारी से चुनावी जीत का रास्ता बनाने की कोशिश में कौन सफल होगा और कौन असफल ये कहना मुश्किल है. गिरिडीह लोकसभा सीट के अन्तर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें गिरिडीह, डुमरी, गोमिया , बेरमो, तुंडी, बाघमारा विधानसभी सीटें शामिल हैं.
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