द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक, झारखंड के देवघर में पिछले 10 दिनों कई लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं. अनशन के 10वें दिन कार्तिकनाथ ठाकुर और संतोष पासवान की हालत बिगड़ गई है. अनशनकारियों की मांग है कि मंदिर और आसपास लखराज प्रवृत्ति की ज़मीन की फिर से रजिस्ट्री शुरू की जाए. दरअसल, इस जमीन पर न सिर्फ पुरोहित बल्कि बनिया, मारवाड़ी, मुसलमान और अन्य समुदाय के लोग भी रहते हैं. इनका आरोप है कि अधिकारियों और भूमाफियाओं की साठगांठ से ज़मीन की रजिस्ट्री बंद की गई है.
इसके पहले लखराज जमीन की रजिस्ट्री और हस्तांतरण हुआ करता था. रजिस्ट्री नहीं होने से यहां रहने वाले बैंक लोन तक नहीं ले सकते और कई मौलिक अधिकारों से वंचित रहते हैं. अनशन की वजह से मंदिर में दर्शन की व्यवस्था भी चरमरा गई है. बता दें, कुछ ही दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी यहां बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना की थी.
कलेक्टर मंजूनाथ भंजत्री ने इस मुद्दे पर कहा कि राज्य सरकार के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन, लखराज जमीन की रजिस्ट्री में आ रही कानूनी पेंच को लेकर पहले से ही काम कर रहा है. अनशन पर बैठे कार्तिकनाथ ठाकुर और अन्य लोगों के हम लगातार संपर्क में हैं. कमेटी भी गठित की गई है जो मामले से जुड़े सभी हितधारकों से सलाह लेकर प्रतिवेदन देगी. उसके बाद हम इसे विभाग को भेजकर वहां से अप्रूवल मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे. हम अनशनधारियों से आग्रह करते हैं कि अनशन खत्म कर दें. प्रशासन पूरी तन्मयता से इस समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है.
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