"इसपर पुनर्विचार हो तो अच्छा..." : कांवड़ यात्रा के रूट में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर JDU

उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर JDU प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा, "इससे बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकलती है. वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी की जो व्याख्या भारतीय समाज, NDA के बारे में है- 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास', यह प्रतिबंध इस नियम के विरुद्ध है.

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CM योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ' नेमप्लेट' लगाने का आदेश दिया है. आदेश में साफ कहा गया है कि हर हाल में दुकानों पर संचालक मालिक का नाम लिखा होना चाहिए, इसके साथ ही उसे अपनी पहचान के बारे में बताना होगा. यूपी सरकार के इस आदेश पर JDU प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने प्रतिक्रिया दी है.

उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर JDU प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने कहा, "इससे बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकलती है. वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी की जो व्याख्या भारतीय समाज, NDA के बारे में है- 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास', यह प्रतिबंध इस नियम के विरुद्ध है. बिहार में नहीं(आदेश) है, राजस्थान से कांवड़ गुजरेगी वहां नहीं है. बिहार का जो सबसे स्थापित और झारखंड का मान्यता प्राप्त धार्मिक स्थल है वहां नहीं है. इसपर पुनर्विचार हो तो अच्छा है."

वहीं, विपक्ष ने इस फ़ैसले को सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाला फ़ैसला करार दिया है. अब पूर्व यूपी सीएम मायावती ने भी इस मामले को लेकर सरकार को घेरा. मायावती ने एक्स पर लिखा कि यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक है. धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय है.

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