- जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पूरे किए गए हैं, जिनमें IIT, IIM और मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.
- पिछले चार वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में भारी विकास हुआ है, दो करोड़ से अधिक पर्यटक आए और पचास हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
- आतंकवाद पीड़ितों को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, इस वर्ष चालीस लोगों को रोजगार मिला है.
LG Manoj Sinha Exclusive Interview: बीते कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में बहुत कुछ बदला है. पीएम मोदी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में डेढ़ लाख करोड़ के इंफ्रा प्रोजेक्ट हैं. झेलम रिवर फ़्रंट बना है. शैक्षणिक संस्थान खुले. IIT, IIM और नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए. दो एम्स भी लगे, पीएम ने सुनियोजित ढंग से इसे खड़ा किया है... उक्त बातें रविवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने NDTV से हुई खास बातचीत में कही. मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के बदलाव, पहलगाम आतंकी हमले, आतंकियों के पीड़ितों को राहत देने, कश्मीर में टूरिज्म सहित तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की.
कैसे बदल रही कश्मीर की फिजा... एलजी ने बताया
मनोज सिन्हा ने कहा कि पिछले साल दो करोड़ अड़तीस लाख पर्यटक आए. जिसके पास एक होटल था, उसके दो होटल हो गए. पिछले चार वर्ष में पाँच हज़ार नए होटल बने. पचास हज़ार करोड़ का निवेश हुआ. लाखों लोगों को रोज़गार मिला.
आतंकियों के पीड़ितों को सहारा देने की पहल
उन्होंने कहा कि पहले एक नैरेटिव चलाया जाता था. जो आतंकवादी हिंसा में मारे जाते थे, उन्हें दफनाने के लिए जगह नहीं मिलती थी और आंतकवादियो के लिए जुलूस निकाला जाता था. एक पीड़ित परिवार में बड़े बेटे को नौकरी मिली लेकिन दूसरे सदस्यों को नहीं मिला. हमने आपस में चर्चा की. गृह मंत्री से बात की. हमने उनकी परेशानी समझने की कोशिश की.
LG ने सुनाया किस्सा- SPO की मौत के बाद बेटी ने कहा भीख मांगने की नौबत आई
एक लड़की ने बताया कि उनके पिता एसपीओ थे, जिन्हें आतंकवादियों ने मार दिया. उन्हें भीख मांगने की नौबत आ गई. मारने वाले को सरकारी नौकरी मिल गई. हमने वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की. एसआरओ 43 है जो आतंकवाद पीड़ित के लिए सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है. हमने आर्थिक मदद की संभावनाएं तलाशीं. पीएम मुद्रा योजना के तहत भी मदद.
आज आतंकवाद पीड़ित 40 लोगों को दी गई नौकरी
मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि कई लोगों की FIR नहीं हुई थी. कई लोगों की संपत्तियों पर आतंकवादियों ने क़ब्ज़ा कर लिया था. आज चालीस लोगों को नौकरियाँ दी गईं. आज किश्तवाड़ और रामबन के लोगों को भी नियुक्त पत्र दिया गया . पूरे जम्मू कश्मीर के हर जिले में दिया जाएगा. उन्हें न्याय मिले, काम मिले, उनका सम्मान बहाल हो.
पहलगाम हमले के बाद अवाम पाकिस्तान के खिलाफः मनोज सिन्हा
उन्होंने यह भी कहा कि परिणाम दिखने लगे हैं. 22 अप्रैल की घटना के बाद जिस तरह से अवाम पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ खड़ी हुई. मैंने 5 साल में ऐसा नहीं देखा. कई लोगों ने कहा कि हमने पचास साल में ऐसा दृश्य नहीं देखा. यह अपने आप हुआ. कोई श्रेय नहीं ले सकता. हालात सामान्य हुए हैं.
मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि पीएम के नेतृत्व में पिछले पाँच साल में बड़े बदलाव हुए हैं. छह वर्षों में अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई. इस साल दो लाख पैंसठ हज़ार होने का अनुमान है. युवाओं को स्वरोजगार दिया गया. कृषि और allied में 70% आबादी है. हमने पाँच साल में कंट्रीब्यूशन डबल करने का लक्ष्य रखा है. हमने ख़िदमत सेंटर गाँवों में बनाए हैं. उद्योग जगत का निवेश हुआ है. गृह मंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर देखा. 28-30 हज़ार करोड़ का काम चल रहा है.
पहलगाम हमले पर भी एलजी ने खुलकर की बात
पहलगाम आतंकी हमले पर मनोज सिन्हा ने कहा कि पहलगाम हमला केवल सेटबैक नहीं था. भारत की आत्मा पर चोट थी. किलिंग और रिक्रूरमेंट में बड़ा परिवर्तन हुआ है. सवा सौ डेढ़ सौ लोकल आतंकवादी होते थे. इस साल अब तक केवल एक रिक्रूट हुआ. स्थानीय लोगों का पाकिस्तान से मोहभंग हो चुका है.
पहला वे कम्युनल डिवाइड करना चाहते थे. दूसरा वे भारत के अन्य हिस्सों में रह रहे कश्मीरी लोगों पर आक्रमण हो ताकि उनमें फिर से एलीनेशन का भाव पैदा हो. तीसरा अगर यहाँ समृद्धि आ जाएगी तो उन्हें लोग कहाँ मिलेंगे. तो इन्हें आर्थिक रूप से कमज़ोर कर दो
ऑपरेशन सिंदूर ने सबक सिखा दियाः मनोज सिन्हा
पीएम कह चुके हैं कि आतंकवादी घटना को युद्ध माना जाएगा ये एक बड़ा संदेश है. सिंधु संधि पर बहुत सोच समझकर फ़ैसला किया है. इससे जम्मू कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों को अतिरिक्त पानी मिलेगा. इससे सिंचाई और पेयजल के लिए पानी मिलेगा.
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बातचीत तभी होगी जब आतंकवाद बंद होगा. जिस दिन पाकिस्तान आतंकवाद बंद कर देगा उस दिन बातचीत हो सकती है.
अमरनाथ यात्रा के बाद रिव्यू, फिर खोल दी जाएगी बैसरन घाटी
बैसरन घाटी में तीन दिन पहले से जाना शुरू किया था. कोई परमिशन नहीं थी. 11 को पहली बार पर्यटक गए थे. वहाँ एक सरकारी कमरा भी नहीं है जहाँ फ़ोर्स रह सके. गृह मंत्री के साथ बैठक में फ़ैसला हुआ था कि पर्यटक स्थल बंद किए जाएंगे. निर्देश दिया था कि जो खुलेंगे वहाँ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होगी. अभी कई खोल दिए गए हैं.
अभी अमरनाथ यात्रा चल रही है. उसके बाद रिव्यू होगी. उसके बाद बैसरन घाटी भी खोल दी जाएगी. सुरक्षा के सभी इंतज़ाम होने के बाद. उन्होंने यह भी कहा कि स्मारक बनाने के बारे में सीएम ने घोषणा की थी. यह एक अच्छा कदम है. इसे पूरा किया जाएगा.
अमरनाथ यात्रा पर मनोज सिन्हा ने क्या कुछ बताया
अमरनाथ यात्रा के लिए 22 अप्रैल तक पंजीकरण 18% पिछले साल की तुलना में अधिक थे. फिर बड़ी गिरावट आई. अब उत्साह दिख रहा है. दस दिन में बड़ी संख्या है. दो लाख हो जाएगा. देश को बताना चाहता हूँ कि सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध हैं. सुविधाओं में काफ़ी सुधार हुआ है.
बिजली, सड़क, अस्पताल, यात्री निवास दूरसंचार सभी व्यवस्था हैं. सुरक्षा और सुविधा दोनों में सुधार है. जम्मू कश्मीर के निवासियों ने दिल खोल कर किया है. सब जानते हैं कि ये यात्री ब्रांड एंबेसेडर हैं. वे सब दूर जाकर बताएँगे. यह टर्निंग प्वाइंट हैं. सब प्रयास कर रहे हैं. श्रीनगर में भी तीस से चालीस प्रतिशत बुकिंग है
रैडिकल रोकने के लिए पूरी सोच है. एक सोची-समझी कोशिश के तहत कार्रवाई की गई. कई लोगों को सरकारी नौकरी से निकाला गया. पाठ्यक्रम बदला. तिरंगा यात्रा. गांधी जयंती मनाना. सबका साझा प्रभाव है.
जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जा पर क्या बोले एलजी
जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़े सवाल पर एलजी ने कहा कि गृह मंत्री कह चुके हैं कि delimitation first, assembly election second, statehood at appropriate time पर होगा. पहले दो हो चुके हैं. पूर्ण राज्य का दर्जा भी ज़रूर मिलेगा.
दिल्ली की तरह एलजी बनाम सीएम नहीं
मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि यहां दिल्ली की तरह एलजी बनाम सीएम न हो यह मेरी पूरी कोशिश है. मेरे अच्छे संबंध हैं सीएम से. कई बातों पर मीडिया में बात नहीं करना चाहता हूँ. मैं अपनी सीमा जानता हूँ और कभी सीमा का अतिक्रमण नहीं करूँगा.
प्रमोशन डिमोशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि एलजी केंद्र सरकार के राज्य मंत्री से कम दर्जा होता है. वो सीएम हैं. जब चुनाव लड़े थे तब भी यूटी था. वह सोच कर ही लड़ें होंगे. वो शायद पीएम के सामने स्टेटहुड को लेकर बात रखना चाह रहे होंगे.
नज़रबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन पहले भी ऐसे फ़ैसले करता रहा है. मैं पूरी जानकारी लेकर बताता हूँ. आपका आगे क्या रोल होगा इस सवाल पर मनोज सिन्हा ने कहा कि मैंने अपना काम पूरा करने का प्रयास किया है. मेरा लक्ष्य है कि अमरनाथ यात्रा पूरी तरह संपन्न हो. आगे जो बाबा की कृपा होगी वैसा देखा जाएगा.