अपना वोट डालें, लोकतंत्र को मजबूत करें: जम्मू-कश्मीर के लोगों से पीएम मोदी की अपील

जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के मतदान को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के छह जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर बुधवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया है. 239 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. सुबह से ही पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की कतारें देखी जा रही हैं. वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह है. जम्मू डिवीजन के पुंछ, राजौरी और रियासी तथा घाटी के श्रीनगर, बडगाम और गांदरबल सहित केंद्र शासित प्रदेश के छह जिलों के अधिकांश मतदान केंद्रों पर उत्सव जैसा माहौल है.

स्थानीय पुलिस और सुरक्षाबल मतदान केंद्रों पर आने वाले मतदाताओं के साथ मुस्कुराहट बांटते हुए दिखे. जम्मू-कश्मीर चुनाव के दूसरे चरण में कुल 25.78 लाख मतदाता मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं. मतदान बुधवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे समाप्त होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं से वोट करने की अपील करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''जम्मू-कश्मीर में आज विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर की वोटिंग है. सभी वोटर्स से मेरी अपील है कि वे अपना वोट जरूर दें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएं। इस अवसर पर पहली बार वोट डालने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरा अभिनंदन!"

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर, आसिया नकाश, अब्दुर रहीम राथर, हकीम मोहम्मद यासीन, चौधरी जुल्फिकार और जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख सैयद अल्ताफ बुखारी सहित वरिष्ठ राजनेता दूसरे चरण में चुनावी मैदान में हैं.

एनसी और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन बनाया है. एनसी ने 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान 1 अक्टूबर को होगा और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.

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चौबीसों घंटे डिजिटल निगरानी

मतदान समाप्त होने के बाद जिन ‘स्ट्रॉन्ग रूम' में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रखी जाएंगी, उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और उन्हें चौबीसों घंटे डिजिटल निगरानी में रखा जाएगा.