सुरंग से एंट्री, विदेशी हथियार : ऐसे आतंकियों ने दिया J&K में श्रद्धालुओं की बस पर हमले को अंजाम!

जम्‍मू कश्‍मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमले के बाद आतंकियों की तलाश की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने सुरंग के जरिए एलओसी पार की और हमले को अंजाम दिया.

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तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले में 9 लोगों की मौत हो गई थी.
नई दिल्‍ली:

जम्‍मू कश्‍मीर (Jammu Kashmir) के रियासी में रविवार शाम हुए आतंकी हमले (Terror Attack) के बाद सेना एक्शन में है. ड्रोन के जरिए घने जंगलों में सर्च ऑपरेशंस चलाये जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमित शाह ने आतंकी हमले को काफी गंभीरता से लिया है और सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ सख्‍त कदम उठाने का निर्देश दिया है. हमले के 24 घंटे बाद भी आतंकियों का नामो-निशान नहीं मिला है. इस घटना में तीन महिलाओं समेत नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 33 अन्य घायल हुए हैं. 

सूत्रों के मुताबिक, हमले में तीन विदेशी आतंकवादी शामिल थे. साथ ही उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में तीन आतंकवादी समूह सक्रिय हैं. अपुष्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक, कम से कम दो आतंकी रियासी के ऊपरी इलाके में अभी भी छिपे हुए हैं, घने जंगल की वजह से सुरक्षाबलों के लिए उन्हें ढूंढ़ने में मुश्किल हो रही है. आतंकियों की खोजबीन के लिए बड़े स्तर पर तलाशी अभियान जारी है. 

आतंकियोंं ने किया एम4 कार्बाइन का इस्‍तेमाल!

सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने हमले में एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया. ये असॉल्ट राइफलें 1980 के दशक में अमेरिका ने बनाई गई थीं. इनका इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाओं ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है. पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स और सिंध पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट ने भी इसके एक वैरिएंट का इस्तेमाल किया है.

रियासी में हुआ आतंकी हमले ने एक बार सुरक्षा बलों के सतर्कता लेवल को चुनौती दी है. जांच एजेसियों के मुताबिक, जो इनपुट सुरक्षा तंत्र तक पहुंच रहे हैं, उनके अनुसार हमले के पीछे लश्कर के 'द रेजिस्‍टेंटस फ्रंट' का हाथ बताया जा रहा है. 

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), राज्य अन्वेषण अभिकरण (एसआईए) और फोरेंसिक विभाग की टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू कर दी.

आतंकियों ने सुरंग के जरिए एलओसी पार की!

सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों में करीब 12 जिहादी हैं, जो जम्मू क्षेत्र में तीन या दो के ग्रुप में राजौरी-पुंछ के जंगलों के अंदर रेकी कर रहे थे. इस आतंकवादी समूह में एलओसी के पार से कई पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, जिन्होंने सुरंग के जरिए एलओसी पार की. हालांकि अभी तक एलओसी के पास अभी तक कोई सुरंग नहीं मिली है लेकिन तलाशी अभियान जारी है. 

सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) समेत सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले की सीमा से लगे तेरयाथ-पोनी-शिव खोड़ी इलाके में घेराबंदी कर दी है. उन्होंने बताया कि ड्रोन और खोजी कुत्तों समेत निगरानी उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों ने जिले और आसपास के इलाकों में व्यापक खोजबीन अभियान शुरू किया है. सूत्रों ने बताया कि हमले में शामिल आतंकवादियों के राजौरी और रियासी के ऊपरी इलाकों में छिपे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि इस इलाके में घने जंगल और गहरी खाइयां हैं.

आतंकियों को ढूंढने के लिए जारी है अभियान 

रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने बताया, ''इलाके में खोज अभियान शुरू कर दिया गया है. उन्हें (आतंकवादियों को) पकड़ने के प्रयास जारी हैं. जानकारी के अनुसार, हमले में दो आतंकवादी शामिल थे.'' 

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उन्होंने बताया कि फोरेंसिक टीम सुबह मौके पर पहुंची और पूरे इलाके की जांच की. अधिकारियों ने बताया कि हमले से जुड़ी विभिन्न सामग्री एकत्र की, जिसमें कुछ गोलियां भी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की एक टीम भी मौके पर पहुंची और हमले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग किया. वहीं एसआईए की टीम ने घटना के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी जुटाई है.

हमले में शामिल लोगों को बख्‍शा नहीं जाएगा : शाह 

यह हमला शाम करीब छह बजकर 15 मिनट पर हुआ. तीर्थयात्रियों से भरी और 53 सीटों वाली बस शिव खोड़ी मंदिर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी. यह हमला उस वक्‍त हुआ जब दिल्ली में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे. हमले के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कायराना आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. 

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पिछले पांच सालों में पुंछ-राजौरी सेक्टर में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच कई बार गोलीबारी हुई है. इसमें दोनों तरफ से हताहतों की संख्या भी काफी ज्यादा रही है. उधर, 29 जून को शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले रियासी में आतंकी हमला सरकार के लिए चिंताजनक है. 

कई जगह पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन

इस बीच, कटरा, डोडा शहर और कठुआ जिले सहित पूरे जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की मांग की गई. प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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