ITBP के जल विंग ने धूमधाम से मनाया 10वां स्थापना दिवस

स्थापना दिवस के मौके पर वाटर विंग द्वारा अपनी पेशेवर क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन आयोजित किया गया था. एक प्रदर्शन में नदियों में गश्त के अभियान को दिखाया गया.

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ITBP लद्दाख के काराकोरम से अरुणाचल के जचेप ला तक 3384 किमी सीमा की रखवाली कर रही है
नई दिल्ली:

भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के जल विंग ने आज रविवार को असम के तेजपुर स्थित आईटीबीपी शिविर में अपना 10वां स्थापना दिवस मनाया. दरअसल, जल विंग की स्थापना 12 जून, 2012 को हुई थी. कार्यक्रम में डीआईजी (तेजपुर) जीसी पुरोहित मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, "जल विंग हमारे देश की सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. जलवायु परिवर्तन और लगातार आपदाएं भविष्य में इसका महत्व और बढ़ा देंगी."

वहीं वाटर विंग कमांडेंट डॉ दीपक कुमार पाण्डेय ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास संघर्ष परिदृश्य और जल निकायों की सुरक्षा में जल विंग की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने पेगोंग त्सो, सिंधु नदी, चांग चेनमो नदी और श्योक नदी की सुरक्षा में जल विंग की भूमिका पर विस्तार से बताया. उन्होंने लद्दाख में और उत्तर पूर्वी भारत में ब्रह्मपुत्र आदि जैसी कई नदियों में भी वाटर विंग की भूमिका पर भी जानकारी दी.

स्थापना दिवस के मौके पर वाटर विंग द्वारा अपनी पेशेवर क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन आयोजित किया गया था. एक प्रदर्शन में नदियों में गश्त के अभियान को दिखाया गया. अन्य प्रदर्शनों में, एक डूबते हुए पीड़ित को बचाने और नाव और एम्बुलेंस के माध्यम से उसे निकालने की अत्यधिक कठिन और विशिष्ट कार्रवाई दिखाई गई. 

बता दें कि जल निकायों में गश्त करने, जल निकायों से जुड़े बीओपी को रसद सहायता प्रदान करने, जल आधारित आपदाओं के दौरान आपदा प्रबंधन में मदद करने और जल आधारित कार्यों में आईटीबीपी के कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आईटीबीपी की जल स्कंध की स्थापना की गई थी.

वाटर विंग एक अखिल भारतीय संगठन है, जिसकी भूमिका हिमालय के सभी हिस्सों और गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु और अन्य नदियों के आसपास के बाढ़ के मैदानों में निर्धारित हो सकती है. वाटर विंग का मुख्यालय तेजपुर, असम में है. यहां बगल में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी इसके प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करती है.

गौरतलब है कि ITBP लद्दाख के काराकोरम से अरुणाचल प्रदेश के जचेप ला तक 3384 किलोमीटर सीमा की रखवाली कर रही है. इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्वतीय सुरक्षा बलों में से एक माना जाता है. जल विंग के स्थापना दिवस समारोह के दौरान जीसी पुरोहित, डीआईजी, सेक्टर मुख्यालय तेजपुर, डॉ बलराज बेगरा, डीआईजी (मेडिकल), कमांडेंट आईबी झा, 55 बटालियन दीपक पाण्डेय, कमांडेंट, वाटर विंग संजय कुमार, द्वितीय कमान  आशुतोष बिष्ट, डिप्टी कमांडेंट, प्रेम सिंह, सहायक कमांडेंट,  भंवर सिंह, सहायक कमांडेंट और कई अन्य अधिकारी सहित सैकड़ों अधीनस्थ अधिकारी और जवान मौजूद थे.

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