राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला ‘कर्तव्य पथ' पैदल चलने वालों के लिए अब और अधिक अनुकूल होगा. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में 15.5 किमी क्षेत्र में पैदल चलने वालों के लिए लाल ग्रेनाइट पत्थरों से बने पैदल पथ इस मार्ग की शोभा बढ़ाएंगे. इस क्षेत्र में पहले पैदल पथ पर बजरी हुआ करती थी. केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य सड़क को पैदल चलने वालों के लिए अधिक अनुकूल बनाना और यातायात के लिए आसान बनाना है.
'कर्तव्य पथ' के व्यस्त जंक्शनों पर चार नए पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं, ताकि वाहनों की आवाजाही और पैदल यात्रियों को एक दूसरे के कारण रुकावट न हो और लोगों के लिए सड़क पार करना सुरक्षित हो.
एक अधिकारी के अनुसार पहले से बने लाइट के 74 ऐतिहासिक खंभों और सभी चेन लिंक को ‘कर्तव्य पथ' पर बहाल, अपग्रेड और फिर से लगाया गया है और 900 से अधिक लाइट वाले नए खंभे जोड़े गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह जगह हमेशा आगंतुकों के लिए सुरक्षित रहे.
‘कर्तव्य पथ' राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का मार्ग है. इस सड़क के दोनों तरफ लॉन और हरियाली के साथ ही पैदल चलने वालों के लिए लाल ग्रेनाइट पत्थरों से बना पैदल पथ इसकी भव्यता को और बढ़ा देता है. इस मार्ग पर नवीनीकृत नहरें, राज्यों की खाद्य वस्तुओं के स्टॉल, नयी सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे.
बता दें कि नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर ‘राजपथ' का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ' कर दिया. अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को ‘कर्तव्य पथ' कहा जाएगा.
अधिकारी ने कहा, ‘‘कर्तव्य पथ परिसर के ऐतिहासिक चरित्र को बनाए रखने के लिए कंक्रीट के बोल्डरों की जगह 1,000 से अधिक सफेद बलुआ पत्थर के बोल्डरों को वहां लगाया गया है. इसके अलावा, इस मार्ग के साथ-साथ पैदल चलने वालों के लिए पथ को मजबूत और टिकाऊ सामग्री के साथ पक्का किया गया है.''
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने कर्तव्य पथ पर 400 बेंच और 600 नए साइनेज के अलावा पूरे मार्ग पर 150 कूड़ेदान रखे हैं.
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘इस परिसर में कुल नहर क्षेत्र के 19 एकड़ का नवीनीकरण और सुदृढ़ीकरण किया गया है. नहरों को जलवाहक जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित किया गया है. नहर की दीवारों को मजबूत और टिकाऊ सामग्री के साथ मजबूत किया गया है ताकि रिसाव न हो.''
पूरे परिसर क्षेत्र में कुल 16 पुल हैं. दो नहरों में नौका विहार की अनुमति होगी, जिसमें एक कृषि भवन के पास और दूसरी वाणिज्य भवन के पास होगी. इंडिया गेट परिसर में सीढ़ीदार प्लाजा भी बनाए गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि कर्तव्य पथ के साथ आठ अलग-अलग स्थानों पर शौचालय, वेंडिंग कियोस्क और पीने के पानी के फव्वारे के साथ आठ सुविधा ब्लॉक बनाए गए हैं. परिसर क्षेत्र में महिलाओं के लिए कुल 64 शौचालय, पुरुषों के लिए 32 और 10 सुलभ शौचालय जोड़े गए हैं.