विमानों को लगातार मिल रहीं बम की फर्जी धमकियों को लेकर आईटी मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

मंत्रालय ने कहा है कि, सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित संबंधित मध्यस्थों की यह जिम्मेदारी है कि वे किसी भी उपयोगकर्ता को किसी भी गैरकानूनी या गलत जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, संग्रहीत, अपडेट या साझा करने की अनुमति न दें और आईटी नियम, 2021 के तहत तुरंत कार्रवाई करें.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

बम की धमकी वाले कॉल पर आईटी मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. विमानों को लगातार मिल रही बम की धमकियों के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है. ऐसी सूचनाएं हटाने और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी देने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की होगी.  

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत मध्यस्थों द्वारा उचित परिश्रम का पालन के तहत दिशानिर्देश दिए गए हैं. 

आईटी मंत्रालय ने कहा है कि, पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित विभिन्न माध्यमों से भारत में संचालित विभिन्न एयरलाइनों को कई फर्जी बम धमकियां मिली हैं. एयरलाइनों, यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की फर्जी बम धमकियों के कारण प्रभावित किया जा रहा है. इससे एयरलाइनों का सामान्य संचालन बाधित होता है. 

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मंत्रालय ने कहा है कि, एयरलाइनों को फर्जी बम धमकियों के रूप में दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के उदाहरण सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा करते हैं. इस तरह की फर्जी बम धमकियां बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करने के साथ-साथ देश की आर्थिक सुरक्षा को भी अस्थिर करती हैं. 

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इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर "फारवर्डिंग/री-शेयरिंग/री-पोस्टिंग/री-ट्वीट" के विकल्पों की उपलब्धता के कारण इस तरह की फर्जी बम धमकियों के प्रसार का पैमाना खतरनाक रूप से अनियंत्रित पाया गया है. इस तरह की फर्जी बम धमकियां ज्यादातर गलत सूचनाएं होती हैं जो सार्वजनिक व्यवस्था, एयरलाइनों के संचालन और एयरलाइन यात्रियों की सुरक्षा को बड़े पैमाने पर बाधित करती हैं.

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आईटी मंत्रालय ने कहा है कि, इस संबंध में यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित मध्यस्थों का सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 ("आईटी अधिनियम") और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 ("आईटी नियम, 2021") के तहत उचित परिश्रम का दायित्व है कि वे ऐसी गलत सूचनाओं को तुरंत हटा दें जो सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को प्रभावित करती हैं.

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इस तरह के उचित परिश्रम दायित्वों के हिस्से के रूप में, सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित संबंधित मध्यस्थों की यह जिम्मेदारी है कि वे किसी भी उपयोगकर्ता को किसी भी गैरकानूनी या गलत जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, संग्रहीत, अपडेट या साझा करने की अनुमति न देकर आईटी नियम, 2021 के तहत तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें. इसके अलावा, आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत प्रदान की गई सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा उपलब्ध या होस्ट की गई किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा या संचार लिंक के लिए देयता से छूट लागू नहीं होगी, यदि ऐसे मध्यस्थ आईटी अधिनियम के तहत आईटी नियम, 2021 के साथ निर्धारित उचित परिश्रम दायित्वों का पालन नहीं करते हैं या गैरकानूनी कार्य करने में सहायता करते हैं. 

दिशानिर्देश में कहा गया है कि, आईटी नियम, 2021 में प्रदान किए गए उचित परिश्रम दायित्वों का पालन करने में मध्यस्थों की विफलता के मामले में, आईटी अधिनियम की धारा 79 का प्रावधान ऐसे मध्यस्थ पर लागू नहीं होगा और वे आईटी अधिनियम और अन्य सहित किसी भी कानून के तहत प्रदान की गई परिणामी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे.

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