दिल्ली से गिरफ्तार ISIS आतंकी रिजवान अली ने पूछताछ में किए अहम खुलासे

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आईएसआईएस के आतंकवादी रिजवान अब्दुल हाजी अली पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

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रिजवान ने महज 23 साल की उम्र में ISIS जॉइन किया था.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने हाल ही में आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया' (आईएसआईएस) के पुणे मॉड्यूल के सदस्य रिजवान अब्दुल हाज अली को गिरफ्तार किया था. ISIS आतंकी रिजवान अली ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं.सूत्रों के अनुसार रिजवान पुणे मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद दिल्ली में नए मॉड्यूल को तैयार करने में जुटा था.  पुलिस को पता चला है कि रिजवान अली दिल्ली में ब्लास्ट की तैयारी कर रहा था. दिल्ली लौटने के बाद जामिया और ओखला इलाके में यमुना के तटीय इलाकों में कंट्रोल ब्लास्ट किए थे. दरअसल रिजवान L शेप IED बनाने में एक्सपर्ट है. 

रिजवान को बम बनाने के तरीके हैंडलर पीडीएफ फाइल में टेलीग्राम पर भेजते थे. रिजवान अली कमांडर फरतुल्लाह गोरी के सीधे संपर्क में था. पुणे में रिजवान ने कंट्रोल IED ब्लास्ट की ट्रेनिंग ली थी. रिजवान महाराष्ट्र और गुजरात के अलग-अलग शहरों में छिपा था. 

रिजवान ISIS को भारत में खड़ा करने के लिए काम कर रहा था और कॉलेज के युवाओं को अपने तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रहा था. ऐसा करने के लिए उसने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी Apps का सहारा लिया था. जिससे वो जेहाद के नाम पर दिल्ली-एनसीआर के युवाओं को भड़का कर ISIS जॉइन करा सके.

दिल्ली पुलिस के विशेष सेल के एक दल ने गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली-फरीदाबाद सीमा पर रिजवान को गिरफ्तार किया है.

23 साल की उम्र में ISIS से जुड़ा

रिजवान ने महज 23 साल की उम्र में ISIS जॉइन किया था. उस वक्त जामिया इलाके से रिजवान को स्पेशल सेल ने हिरासत में भी लिया था. उस समय रिजवान ISIS के एक बड़े आतंकी अबु हुजैफा के लगातार टच में था. रिजवान को आतंकवादी बनने से सेंट्रल एजेंसियों ने रोका था. उसे एक मौका दिया था और D रेडिक्लाइजेशन के लिए भेज दिया गया था. लेकिन रिजवान ने D रेडिक्लाइजेश से बाहर आने के बाद भी आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ा और वो लगातार जामिया औऱ दरियागंज इलाके से ISIS के टच में रहा.
 

जिस अबु हुजैफा के सम्पर्क में रिजवान था वो पाकिस्तान से भारत के युवाओं को  ISIS में भर्ती करने का काम कर रहा था. हुजैफा 2019 में अमेरिका के ड्रोन हमले में मारा गया था.

रिजवान जिस वक्त पहली बार ISIS के सम्पर्क में आया उस वक्त उसने जामिया में एक अरेबिक ढाबा भी खोला था. फिर फायर सेफ्टी से जुड़ी एक कंपनी में जॉब भी की थी. रिजवान ने फायर सेफ्टी और मैनेजमेंट का डिप्लोमा भी किया है. 

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