भारत में ईरान के राजदूत मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा है कि भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए हमने अपने बंद पड़े एयरस्पेस को खोला है. इसका मकसद भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित निकालना था. ईरानी राजदूत ने यह जानकारी एनडीटीवी से की एक खास बातचीत में दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम भारत के लोगों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमें ईरान में रह रहे भारतीयों की चिंता है.
ईरानी राजदूत ने बताया कि हमले के पहले दिन ही भारतीय छात्रों की एक रिहाइशी परिसर को हथियारों से निशाना बनाया गया था. इसमें कुछ छात्र घायल हो गए थे. इसके बाद भारतीय छात्रों को तेहरान में स्थित भारतीय दूतावास की मदद से तेहरान से 140 किमी दूर कोम शहर पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि अर्मेनिया होते हुए भारतीय छात्रों का एक दस्ता भारत पहुंच चुका है.
किस एयरलाइन से आएंगे भारतीय छात्र
हुसैनी ने बताया कि भारतीय छात्रों को भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने अफगानिस्तान की सीमा के पास स्थिति मसद शहर में पहुंचाया गया. वहां से ईरानी एयरलाइन महान एयरलाइंस के चार्टेड प्लेन की व्यवस्था की गई है. उसी से भारतीय छात्रों को भारत भेजा जाएगा. ईरानी राजदूत ने बताया कि भारतीय छात्रों को वापस भेजने के लिए ईरान ने अपने बंद पड़े एयरस्पेश को खासतौर पर खोला है. मसद से भारतीय छात्रों को लेकर पहली फ्लाइट आज रात दिल्ली पहुंच सकती है. ईरानी राजदूत ने कहा कि हमने ऐसा इसलिए किया है, ताकि हम भारतीय नागिरकों को यह विश्वास दिला सकें कि हम उनकी चिंताओं को समझतें हैं और ईरान में रहने वाले उनके परिजनों की चिंता करते हैं.
अर्मेनिया से 110 भारतीय छात्रों को लेकर एक फ्लाइट गुरुवार को दिल्ली पहुंची थी. भारत ने ईरान से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया है. शुक्रवार रात मशद से भारतीय छात्रों को लेकर तीन फ्लाइट के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है.
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