अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर उद्घाटन समारोह के निमंत्रण पत्र सभी मेहमानों को उनके हाथों में दिए जाएंगे. इसके लिए मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी गई है.
मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'हमारे पास लोगों और स्वयंसेवकों का एक बड़ा नेटवर्क है और प्रत्येक अतिथि को निमंत्रण कार्ड हाथ से दिए जाएंगे, न कि डाक या कूरियर डिलीवरी सेवा के माध्यम से.'
इसके अलावा, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्य और उनके सहयोगी भी निमंत्रण देने में मदद कर रहे हैं.
कुछ मेहमानों को निमंत्रण पत्र पहले ही मिल चुके हैं. निमंत्रण कार्ड में मंदिर और भगवान राम की एक भव्य छवि है. सौंदर्यपूर्ण तरीके से डिज़ाइन किए गए कार्ड के अलावा निमंत्रण में एक पुस्तिका भी शामिल है जिसमें राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल कुछ प्रमुख लोगों का संक्षिप्त परिचय है.
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'हमने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को आमंत्रित किया है. अंतरिक्ष अन्वेषण से लेकर कला तक और कुछ भूले-बिसरे आदिवासियों से लेकर वास्तुकारों तक. इसके अलावा, आमंत्रित लोगों में से कुछ प्रमुख नाम हैं. कई अन्य लोग भी हैं जिन्होंने अपने जीवन में छाप छोड़ी है.''
सूत्रों के अनुसार 22 जनवरी को राम मंदिर में भव्य 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए विभिन्न संप्रदायों और समुदायों को निमंत्रण भेजा गया है. इस कार्यक्रम के लिए अयोध्या को सजाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समारोह में शामिल होंगे.
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को भी निमंत्रण भेजा गया था. पार्टी सूत्रों ने कहा कि निमंत्रण कार्ड मंदिर ट्रस्ट के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि द्वारा दोनों नेताओं को दिए गए थे. ट्रस्ट ने देश भर से 4,000 संतों और विदेश से 50 मेहमानों को भी आमंत्रित किया है.
ट्रस्ट के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि विदेश से आमंत्रित लोगों को भी हाथों में ही निमंत्रण कार्ड दिये जाएंगे. सूत्र ने कहा, 'भारत में लोगों के हमारे नेटवर्क के समान ही विदेशों में भी हमारे स्वयंसेवक हैं. हम उन्हें भारत से कार्ड भेजेंगे और फिर प्रतिनिधि इसे मेहमानों तक पहुंचाएंगे.'
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के प्रमुख मुद्दई रहे इकबाल अंसारी को भी समारोह के लिए निमंत्रण मिला. ट्रस्ट के एक प्रतिनिधि ने पांच जनवरी को अयोध्या में राम पथ के पास कोटिया पंजीटोला में उनके घर पर निमंत्रण पत्र पहुंचाया.
अंसारी ने गत 31 दिसंबर को एक साक्षात्कार में 'पीटीआई-भाषा' से कहा था कि मुस्लिम समुदाय राम मंदिर मुद्दे पर 2019 के उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करता है.
उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.
प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक 'रामायण' में भगवान राम और देवी सीता की भूमिका निभाने वाले कलाकारों अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को भी समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है.
निमंत्रण कार्ड हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में छपवाये गए हैं. प्रत्येक निमंत्रण सेट में मुख्य निमंत्रण कार्ड, 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम कार्ड और राम जन्मभूमि आंदोलन की यात्रा और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें भूमिका निभाने वाले लोगों पर एक पुस्तिका है.
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पूर्व में कहा था कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 50 कारसेवकों के परिवार के सदस्यों को भी समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है.
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