इंटरनेशनल टाइगर डे (International Tiger Day) के मौके पर मध्यप्रदेश के लिए एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, भारत सरकार ने शनिवार को बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए हैं. जिसके मुताबिक, मध्यप्रदेश इस बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है. बाघों की गणना की जो रिपोर्ट आई है उसके अनुसार, चार साल में मध्यप्रदेश के जंगलों में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है. अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मैसूर में गणना के आंकड़े जारी किये थे, लेकिन उस वक्त लैंडस्केप आंकड़ा जारी हुआ था, राज्यवार नहीं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जारी की खुशी
बाघों की गणना आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए कहा, "अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है. सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई. यह गौरवपूर्ण उपलब्धि वन विभाग के कर्मठ साथियों, वन्य जीव प्रेमियों और नागरिकों के योगदान से मिली है. मैं आप सबके सहयोग के लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ. आइये, हम सब मिलकर 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें.
टाइगर रिजर्व में 2020-2022 में 72 बाघों और 43 तेंदुओं की मौत हुई
सरकार ने विधानसभा में अपने लिखित जवाब में माना कि 2022 में 10 बाघों का शिकार हुआ है.अलग-अलग कारणों ने मप्र के टाइगर रिजर्व में 2020-2022 में 72 बाघों और 43 तेंदुओं की मौत हुई है. 2022 में 34 बाघों की मौत हुई, जिसमें सबसे ज्यादा 9 बांधवगढ़ में, पेंच में 5 और कान्हा में 4 बाघों की मौत हुई.
हालांकि, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, गश्त और डॉग स्कॉवड के आने से शिकारी काफी कम हुआ है. मध्यप्रदेश में फिलहाल 6 टाइगर रिजर्व में 10 हजार वर्ग किमी जगह है,जबकि 700 से ज्यादा बाघों को रखने के लिये 35 हजार वर्ग किमी की जरूरत होगी. उम्मीद है कि टाइगर स्टेट अपने इस शानदारी निवासी को ये आशियाना देगा.