नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) ने ड्रग तस्करी के एक इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश करते हुए देशभर में छापेमारी कर चार महिलाएं सहित 22 आरोपितों को गिरफ्तार किया है. ये सिंडीकेट डार्कनेट के जरिये करोड़ो की कीमत की ड्रग्स देश के तमाम शहरों के हर हिस्से में सप्लाई कर रहा था, जिसके लिए इंडियन पोस्ट और तमाम कूरियर सर्विसेज का इस्तेमाल कर रहे थे. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक विदेशों से डार्कनेट पर खरीदी जाने वाली ड्रग्स (Drugs) की पेमेंट क्रिप्टो करेंसी में की जाती थी और आगे उसे बेचकर पेमेंट यूपीआई मोड में हासिल की जाती थी.
गौरतलब है, इस सिंडिकेट से जुड़े तमाम लोग बेहद पढ़े लिखे और प्रोफेशनल हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र 22 से 35 साल के बीच हैं जिनमे से कुछ आईटी प्रोफेशनल तो कुछ MBAकर किसी बड़ी एमएनसी में काम करने वाले प्रोफेशनल हैं.इनमें से कोई जेल में बैठकर LSD किंग बनना चाहता था तो कोई नारकोज.दरअसल, एक खुफिया जानकारी के बाद कुछ सोशल मेसेजिंग एप को ट्रैक करते हुए एनसीबी की कोलकाता यूनिट वहां के एक विदेशी डाकघर पहुँची.जहां 44 पोस्ट पार्सल की पहचान की गयी और पार्सलों को जब्त कर लिया.जांच के दौरान एक महिला तरीना भटनागर को एनसीबी कोलकाता ने गिरफ्तार कर लिया.इन तमाम पार्सलों में बड़ी तादाद में ड्रग्स मौजूद थी जोकि देश के अलग अलग शहरों में सप्लाई होनी थी.
106 लूट के आरोपी को दिल्ली पुलिस ने दबोचा, चेन स्नैचिंग के भी तमाम मामलों में शामिल
इस बरामदगी के बाद दिल्ली निवासी सर्वोथामन गुहान उर्फ सरवो की पहचान जब्त पार्सलों के रिसीवर के रूप में की गई.उसके बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर सर्वो को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई. मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान सामान की तलाशी में 30 ग्राम क्यूरेटेड मारिजुआना (Curated Marijuana)(आयातित) और 0.45 ग्राम एमडीएमए (गोलियां) बरामद हुई.आगे की जांच में फरीदाबाद में उसके एक सहयोगी राहुल मिश्रा का पता चला, जोकि एक स्पोर्ट्समैन था और लंबे समय से सर्वो का दोस्त था. इसके बाद फरीदाबाद में राहुल के ठिकानों पर छापा मारा गया और 1.050 किलोग्राम क्यूरेटेड मारिजुआना (इंडियापोस्ट के माध्यम से ऑर्डर किया गया) बरामद किया गया.
आगे पता चला कि सरवो डार्क नेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये ऐसी ड्रग्स का ऑर्डर करता था जहां उसके द्वारा रिसीवर के घर के एड्रेस मुहैया किए जाते थे और ड्रग्स की डिलीवरी के लिए इंडिया पोस्ट और घरेलू कोरियर सेवाओं का इस्तेमाल किया जाता था. वइसके बाद जाँच एजेंसी सरवो के घर पहुँची और छापेमारी में 01 किलो क्यूरेटेड मारिजुआना और 15.52 लाख नकद बरामद किये गए. मामले की शुरुआती जांच में डार्क नेट के इस्तेमाल का पता चला.सरवो के एक अन्य सहयोगी की पहचान गुड़गांव में आश्रय पांडे के रूप में हुई और उसे 410 ग्राम क्यूरेटेड मारिजुआना के साथ पकड़ा गया.
डार्क नेट प्लेटफॉर्म पर @ आंटीमारिया (फर्जी नाम) के रूप में जाने जाने वाले सर्वो ने जसबीर सिंह @theoptimusprime @thekaliyuga के नाम का खुलासा किया, जिसे उसने ड्रग्स की खरीद के लिए क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से 6 लाख का भुगतान किया था.प्रारंभिक जांच में ड्रग ऑर्डर देने के लिए सोशल मीडिया ऐप जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, विक्रम आदि का इस्तेमाल ड्रग ऑर्डर देने के लिए और डिलीवरी पार्टनर के रूप में इंडिया पोस्ट, कूरियर, स्विगी गिनी, वीफास्ट, पोर्टर आदि के इस्तेमाल का पता चला.
22,842 करोड़ रुपये की कथित तौर पर धोखाधड़ी एबीजी शिपयार्ड और उनके निदेशकों ने बैंकों से की: CBI
इनके अलावा, पश्चिम बंगाल के मोगरा निवासी जसबीर सिंह को इस मामले में मास्टरमाइंड के रूप में गिरफ्तार कर लिया गया है. जांच के दौरान यह पाया गया कि जसबीर एक टेलीग्राम (सोशल मीडिया ऐप) समूह "द ओरिएंट एक्सप्रेस" का हिस्सा था, जिसमें लगभग 300 सदस्य थे और वह सक्रिय रूप से मारिजुआना, एलएसडी, एक्स्टसी, हेरोइन, हशीश, कोकीन आदि जैसी दवाओं की बिक्री में शामिल था और भुगतान यूपीआई और क्रिप्टो मुद्राओं के माध्यम से स्वीकार किए जा रहे थे. जसबीर सिंह लड़कियों को नशीला पदार्थ खिलाकर उनका शारीरिक शोषण करता था और फिर उनकी तस्वीरों और वीडियो के साथ उन्हें ब्लैकमेल करता था. बाद में उन्हे ड्रग्स की तस्करी के व्यवसाय में भी शामिल करता था. एनसीबी खुलासे के आधार पर उसकी साथी श्रद्धा सुराना (पहले एनसीबी कोलकाता द्वारा गिरफ्तार) की पहचान की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. श्रद्धा, एक प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ एक फाइनैंसियल एक्सपर्ट है.
श्रद्धा डार्क नेट प्लेटफॉर्म पर @thebansky, @pizahat, @stevehydes, @trippylanes के नाम से जानी जाती थी और जसबीर को उनके वित्त प्रबंधन में सुविधा प्रदान कर रही थी और विदेशों से ड्रग्स आयात करने के लिए पते की व्यवस्था कर रही थींइसी गौरखधंधे से श्रद्धा ने पिछले चार महीने में करीब 3 से 4 करोड़ रुपये कमाए थे. श्रद्धा ने करीब 40 से 50 UPIएकाउंट बना रखे थे जोकि उसके तमाम जान पहचान और रिश्तेदारों के नाम पर थे जिनके जरिये ड्रग्स की खरीद-फरोख्त करती थी.
मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई, 13 करोड़ का नशा बरामद