सिर्फ कंपनियों की संख्या बढ़ाकर बीमा की पहुंच नहीं बढ़ाई जा सकती: एआईआईईए

अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (एआईआईईए) के महासचिव श्रीकांत मिश्रा ने रविवार को कहा कि देश में बीमा प्रसार कुछ विकसित देशों की तुलना में अधिक है और इसका श्रेय सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी और सामान्य बीमा कंपनियों को जाता है.

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एआईआईईए महासचिव श्रीकांत मिश्रा ने कहा कि कहा कि सरकार और इरडा तर्क दे रहे हैं कि 2047 तक प्रत्येक भारतीय का बीमा होना चाहिए.
चंडीगढ़:

सरकार और बीमा नियामक इरडा बीमा की पहुंच बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सिर्फ कंपनियों की संख्या बढ़ाकर ऐसा नहीं किया जा सकता. अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (एआईआईईए) के महासचिव श्रीकांत मिश्रा ने रविवार को यह बात कही. उन्होंने कहा, ''सरकार और इरडा तर्क दे रहे हैं कि बीमा की पहुंच को अधिक से अधिक बढ़ाने की जरूरत है और 2047 तक प्रत्येक भारतीय का बीमा होना चाहिए.''

मिश्रा ने कहा, ''लेकिन इस बात को समझने की जरूरत है कि सिर्फ कंपनियों की संख्या बढ़ाकर ऐसा नहीं किया जा सकता. बीमा प्रसार अनिवार्य रूप से खर्च करने योग्य आय के स्तर पर निर्भर करती है, जो दुर्भाग्य से भारत में कम है.''

उन्होंने यह भी कहा कि देश में बीमा प्रसार कुछ विकसित देशों की तुलना में अधिक है और इसका श्रेय सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी और सामान्य बीमा कंपनियों को जाता है.

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग की रक्षा करना और उन्हें मजबूत करना एआईआईईए का मूल उद्देश्य रहा है.

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