- तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में एक दामाद ने अपनी 60 वर्षीय सास की हत्या कर 60 लाख रुपये की बीमा राशि हड़पने का प्रयास किया
- आरोपी वेंकटेश ने मार्च में अपनी सास रामाव्वा के नाम पर कई बीमा पॉलिसियां डाकघर और एसबीआई से ली थीं
- वेंकटेश ने हत्या को सड़क हादसे का रूप देने के लिए अपनी सास को अकेला सड़क पर भेजकर साथी से टक्कर कराई
तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसके बारे में पुलिस का कहना है कि यह क्राइम थ्रिलर 'दृश्यम' फिल्म से प्रेरित हो सकता है. जानकारी के मुताबिक एक दामाद को अपनी 60 साल की सास की हत्या कर के 60 लाख रुपये की बीमा राशि हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
जानकारी के मुताबिक यह मामला सिद्दीपेट जिले के पेद्दामासनपल्ली गांव का है, जिसने पूरे इलाके के लोगों को हैरान कर दिया है. आरोपी कही पहचान वेंकटेश के रूप में हुई है. उसने कथित तौर पर इस साल मार्च में अपनी सास रामाव्वा के नाम पर डाकघर और एसबीआई से कई बीमा पॉलिसी ली थीं.
सिद्दीपेट पुलिस के अनुसार, वेंकटेश ने वीमा की मोटी रकम हड़पने के लिए रामाव्वा की हत्या की और उसकी मौत को सड़क हादसा का रूप देने की साजिश रची थी. अपनी नापाक योजना के तहत, वेंकटेश काम के बहाने रामाव्वा को खेतों में ले गया और बाद में अंधेरे की आड़ में उसने आधी रात को उसे अकेले घर भेज दिया, जिसकी वजह से योजनाबद्ध दुर्घटना की तैयारी हो गई.
पुलिस ने बताया कि वेंकटेश ने अपने भाई को यह बात बताई थी कि अगर वह योजना में मदद कर सके, तो वह बीमा राशि का आधा हिस्सा उसे देगा. जब रमाव्वा सुनसान सड़क पर अकेली चल रही थी, तो वेंकटेश के साथी ने उसे कार से टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई.
इसके बाद वेंकटेश ने इस घटना को एक दुखद दुर्घटनावश हुई मौत का रूप देने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस जांच के दौरान इस पूरी साजिश का पर्दाफाश होने लगा. अधिकारियों ने संदेह के आधार पर इलाके के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की. फुटेज से कथित तौर पर महत्वपूर्ण सुराग मिले जो वेंकटेश के बयान के विपरीत थे, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ करने पर, वेंकटेश ने कथित तौर पर अपना अपराध कबूल कर लिया और स्वीकार किया कि उसने अपनी सास की हत्या सिर्फ़ 60 लाख रुपये की बीमा राशि के लिए की थी.
सिद्दीपेट पुलिस विभाग ने अपराधी की योजना और 'दृश्यम' फिल्म की कथानक के बीच उल्लेखनीय समानताओं पर प्रकाश डाला, जिसमें नायक कानून प्रवर्तन को गुमराह करने के लिए सावधानीपूर्वक बहाने और परिदृश्य गढ़ते हैं.