Exclusive: नौसेना का क्लर्क क्यों बना पाकिस्तान का जासूस और कैसे पकड़ा गया? डिटेल में जानिए

खुफिया एजेंसियों को विकास यादव की चार दिन की हिरासत मिली है. उसके मोबाइल फोन को फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है. पुलिस को संदेह है कि यादव नौसेना के संवेदनशील दस्तावेजों को स्कैन करके उन्हें अपने पाकिस्तानी हैंडलर 'प्रिया शर्मा' को भेज रहा था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • विकास यादव को भारतीय नौसेना भवन में काम करते समय जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है.
  • यादव ने एक पाकिस्तानी महिला प्रिया शर्मा से फेसबुक पर दोस्ती कर जासूसी शुरू की.
  • वह ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते पैसे के लालच में ISI के लिए काम करने पर राजी हुआ.
  • यादव की गिरफ्तारी से पहले, उसे क्रिप्टोकरेंसी चैनल से पैसे मिल रहे थे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

अकसर हम सुनते हैं कि फलां जासूस पकड़ा गया. भारत में ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई जासूस पकड़े गए हैं. ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को भारत की खुफिया जानकारी पहुंचा रहे थे. अब इसी कड़ी में एक और जासूस पकड़ा गया है. इसका नाम विकास यादव है. ये नौसेना भवन में अपर डिवीजन क्लर्क था. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कैसे पकड़े जाते हैं ये जासूस और कैसे उनको ISI अपने लिए काम करने पर राजी कर लेती है. तो दूसरे सवाल का जवाब है लालच. ISI लोगों की लालच का फायदा उठाती है. विकास यादव के केस में भी ये सामने आया है. जानिए कैसे पकड़ा गया ISI जासूस..

नेवी क्लर्क कैसे बना ISI जासूस

सूत्रों ने बताया कि विकास यादव ऑनलाइन गेमिंग का आदी था. 'प्रिया शर्मा' नाम की एक पाकिस्तानी महिला ने तीन साल पहले फेसबुक पर उससे दोस्ती की और उसे पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए राजी किया. इसके बाद वह उसकी हैंडलर बन गई. इसके बाद, वह व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर उससे बात करने लगा. 

ISI लिंक का कैसे पता चला 

यह मामला एक और जासूस से जुड़ा है, जो राजस्थान निवासी रवि प्रकाश मीणा से जुड़ा है, उसे 2022 में गिरफ्तार किया गया था. मीणा रक्षा मंत्रालय के सेना भवन में क्लास 4 कर्मचारी था. जांचकर्ताओं ने पाया कि मीणा को अपने पाकिस्तानी हैंडलर को नक्शे जैसी संवेदनशील जानकारी देने के बदले में क्रिप्टोकरेंसी चैनल के माध्यम से पैसे मिले थे. जब खुफिया एजेंसियों ने मीणा के क्रिप्टोकरेंसी चैनल पर निगरानी रखी, तो उन्हें दो और लोगों का पता चला. उनमें से एक विकास यादव था, जो नौसेना भवन में क्लर्क था. खुफिया एजेंसियों ने पाया कि विकास यादव को मीणी की तरह क्रिप्टोकरेंसी चैनल से पैसे मिल रहे थे.

Advertisement

इसके बाद, खुफिया एजेंसियों ने यादव को दो साल से अधिक समय तक निगरानी में रखा और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया. इस क्रिप्टोकरेंसी चैनल से यादव को बड़ी रकम ट्रांसफर की जा रही थी, वो इस पैसे का इस्तेमाल अपनी ऑनलाइन गेमिंग की लत को पूरा करने के लिए करता था.

ऑपरेशन सिंदूर की दी जानकारी

खुफिया एजेंसियों को विकास यादव की चार दिन की हिरासत मिली है. उसके मोबाइल फोन को फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है. पुलिस को संदेह है कि यादव नौसेना के संवेदनशील दस्तावेजों को स्कैन करके उन्हें अपने पाकिस्तानी हैंडलर 'प्रिया शर्मा' को भेज रहा था. पाकिस्तानी हैंडलर द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका स्पष्ट है. वे रक्षा मंत्रालय में लिपिक कर्मचारियों की तलाश करते थे और उन्हें या तो हनीट्रैप में फंसाते थे या संवेदनशील जानकारी देने के लिए पैसे का लालच देते थे.खुफिया एजेंसियों को यह भी संदेह है कि यादव ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संवेदनशील जानकारी दी थी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Congress ने Tejashwi से ज्यादा सीटें छीन लेने के लिए 90 सीटों पर अपना गणित बिठाना शुरु कर दिया है?