चीन के जवाब में भारतीय सेना ने असम में सीमा पर तैनात किया पिनाका रॉकेट सिस्‍टम

अत्‍याधुनिक और पूरी तरह से स्‍वदेशी पिनाका वेपन सिस्‍टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने डिजाइन (DRDO) किया है. यह सिस्‍टम औसत समुद्र तल पर (at mean sea level)38 किमी तक लक्ष्‍य को भेद सकता है.

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पिनाका वेपन सिस्‍टम को डीआरडीओ ने डिजाइन किया है
गुवाहाटी:

वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना ने चीन सीमा के पास आगे की स्थिति में पिनाका और स्‍मर्च मल्‍टीपल रॉकेट लांचर सिस्‍टम (MRLS) को तैनात किया है. पिनाका, एक स्‍वचालित रॉकेट आर्टिलरी सिस्‍टम है जो 38 किमी तक के क्षेत्र में लक्ष्‍य को टारगेट कर सकता है. इसके छह लांचरों की एक बैटरी 44 सेकंड में 72 रॉकेटों का सैल्‍वो फायर करने में सक्षम है.

लोकेशन लेफ्टिनेंट कर्नल सरथ ने ANI को बताया, ' अत्‍याधुनिक और पूरी तरह से स्‍वदेशी पिनाका वेपन सिस्‍टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने डिजाइनकिया है. यह सिस्‍टम औसत समुद्र तल पर (at mean sea level)38 किमी तक लक्ष्‍य को भेद सकती है.पिनाका रॉकेट का नामकरण भगवान शिव के धनुष के नाम पर किया गया है. हथियार प्रणाली की विशेषताओं के बारे में बताते हुए Smerch के बैटरी कमांडर मेजर श्रीनाथ ने कहा, 'लांचर, भारतीय आर्टिलरी शस्‍त्रागार का एक बेहद शक्तिशीली हथिया है. यह 90 किमी की दूारी तक फायर कर सकता है. '

गौरतलब है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने इसी वर्ष जून माह में ओडिशा तट के पास चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से स्वदेशी पिनाका रॉकेट के उन्नत संस्करण का परीक्षण किया था. परीक्षण के दौरान कुल 25 पिनाका रॉकेट बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अलग-अलग दूरी पर लक्ष्य को सटीकता से भेदने में कामयाब रहे थे. लंबी दूरी की क्षमता को प्राप्त करने के लिए उन्नत पिनाका प्रणाली का विकास किया गया है.

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