म्यांमार में भारत ने वाणिज्य दूतावास से स्टाफ को किया शिफ्ट, फंसे इंजीनियर को छुड़ाने के लिए शुरू की बातचीत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम म्यांमार में खासकर रखाइन राज्य में सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं."

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नई दिल्‍ली:

भारत ने सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर म्‍यांमार (Myanmar) के सिटवे में स्थित अपने वाणिज्‍य दूतावास के स्‍टाफ को अस्‍थायी रूप से यांगून में शिफ्ट कर दिया है. विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि भारत, म्‍यांमार की सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है. साथ ही विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीयों को इजरायल और ईरान की यात्रा को लेकर भी सलाह दी गई है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हम म्यांमार में खासकर रखाइन राज्य में सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं."

जायसवाल ने कहा, "हमने भारत के वाणिज्य दूतावास के सिटवे में अपने कर्मचारियों को अस्थायी रूप से यांगून में स्थानांतरित कर दिया है. मांडले में हमारा वाणिज्य दूतावास पूरी तरह कार्य कर रहा है."

म्यांमार में उत्तर प्रदेश के तीन लड़कों के कथित तौर पर अपहरण की खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे दूतावास को मामले की जानकारी है. इस पर काम कर रहे हैं. उम्मीद है कि वे उन्हें बाहर निकालने और देश में वापस लाने में कामयाब होंगे. वे घर वापस आएंगे."

1643 किमी लंबी है भारत-म्‍यांमार सीमा 

उन्‍होंने कहा, "पूर्व में जब भी भारतीय नागरिकों को म्यांमार में किसी भी तरह की समस्या हुई है, जब भी वे दूतावास पहुंचे हैं, हमने सक्रिय रूप से कार्रवाई की है और हमें स्थानीय अधिकारियों की मदद मिली है जिससे हमारे नागरिक घर वापस आ सकें." भारत इस पड़ोसी देश के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और विशेष रूप से मिजोरम की 510 किलोमीटर लंबी सीमा म्यांमार से जुड़ी है. 

इजरायल और ईरान को लेकर विदेश मंत्रालय की सलाह 

विदेश मंत्रालय ने ईरान, इजराइल में रह रहे भारतीयों से अनुरोध है कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सावधानी बरतें और कम से कम आवाजाही करें. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दोनों देशों में भारतीयों को "अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी गतिविधियों को न्यूनतम तक सीमित रखना चाहिए." 

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