विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सीमापार आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और वह पड़ोस प्रथम नीति के तहत इस्लामाबाद के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए आतंकवाद को अनदेखा नहीं करेगा. विदेश मंत्री ने मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरा होने पर संवाददाताओं से कहा कि अगर पाकिस्तान संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है तब उसे पता है कि क्या करना है. उन्होंने कहा कि भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि सीमापार आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता है.
विदेश मंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किये जाने को बहुप्रतिक्षित कदम करार देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह काफी महत्वपूर्ण था. उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि वर्ष 2019 में जो कुछ किया गया, वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित कदम था. पूरी दुनिया ने इसे हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया था. वे इसे ऐसे देखते थे कि इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ और भारत को असंतुलित करने के रूप में कर सकें." उन्होंने कहा कि अगर हम इसे ठीक नहीं करते तब आप दुनिया से इसे कैसे ठीक देखने की उम्मीद कर सकते थे.
जयशंकर ने कहा, "हमारे लिये पहला सुधार का कदम घर से शुरू होता था और इसलिए वर्ष 2019 में हमने ऐसा किया. एक बार आप घर में चीजें ठीक करते हैं तब सवाल उठता है कि दुनिया इस पर कैसे प्रतिक्रिया देगी." उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देश अब इस मुद्दे पर भारत के दृष्टिकोण को समझ गए हैं.
बता दें कि पांच अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने संबंधी अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में विभाजित करने की घोषणा की थी.
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने लोगों को इसके बारे में समझाने में काफी समय दिया. हमारी समस्या यह थी कि कई तरह की गलत धारणाएं थी और इनसे हमें निपटना था. मैं इसमें कोई कारण नहीं देखता कि जम्मू कश्मीर विकास के लाभ से वंचित हो.
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