"अलगाववादियों और आतंकवादियों को जगह देना कनाडा के साथ मुख्य मुद्दा": भारत की दो टूक

 विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमारी स्थिति सुसंगत रही है. हमने इस बात पर प्रकाश डाला है कि हम समस्या को कैसे देखते हैं और स्पष्ट रूप से, मुख्य मुद्दा उस देश (India Canada Relations) में चरमपंथियों, आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी जाने वाली जगह है."

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भारत-कनाडा रिश्तों पर विदेश मंत्रालय की टिप्पणी. (फाइल फोटो)
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कनाडा के साथ रिश्तों पर भारत ने खुलकर की बात
भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही जगह मुख्य मुद्दा-भारत
उम्मीद है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा-MEA
नई दिल्ली:

कनाडा के साथ रिश्तों को लेकर भारत ने एक बार फिर से खुलकर बात की. गुरुवार को भारत की तरफ से कहा गया कि कनाडा को लेकर उसका प्रमुख मुद्दा उस देश में सक्रिय देश विरोधी तत्वों (India Canada Relations) को दी गई जगह को लेकर है. साथ ही उसने उम्मीद जताई कि वह भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत को उम्मीद है कि कनाडा अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.

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"कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही जगह"

बागची ने कहा, "अब भी मुख्य मुद्दा यह है कि अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही जगह है." खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में की गई हत्या से भारतीय एजेंटों को जोड़ने के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में गंभीर तनाव रहा है. ट्रूडो की ओर से सितंबर में लगाए गए इस आरोप को भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया था.

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विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची की टिप्पणी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका में एक भारतीय नागरिक पर हत्या के प्रयास की साजिश रचने का आरोप लगने के बाद कनाडा के साथ भारत के संबंधों में "एक महत्वपूर्ण बदलाव" आया है.  बागची ने कहा, "हमारी स्थिति सुसंगत रही है. हमने इस बात पर प्रकाश डाला है कि हम समस्या को कैसे देखते हैं और स्पष्ट रूप से, मुख्य मुद्दा उस देश में चरमपंथियों, आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी जाने वाली जगह है."

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उम्मीद है कनाडा चरमपंथियों पर कार्रवाई करेगा-भारत

हालांकि, उन्होंने ट्रूडो की टिप्पणियों पर सीधी टिप्पणी नहीं करने का फैसला किया. बागची ने कहा, "मैं यह नहीं कहना चाहूंगा कि उन्होंने कोई बदलाव देखा है या नहीं. निश्चित रूप से, हमारी स्थिति सुसंगत बनी हुई है और हमें उम्मीद है कि वे ऐसे चरमपंथी तत्वों पर कार्रवाई करेंगे जो अपने देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं." 

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18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता को लेकर भारत पर ट्रूडो के आरोप के बाद कनाडा के साथ संबंध गंभीर तनाव में आ गए. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी के रूप में नामित किया था. नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को "बेतुका" बताकर खारिज कर दिया था. ट्रूडो ने कहा, "मुझे लगता है कि एक समझ की शुरुआत हुई है कि वे इसके माध्यम से अपना रास्ता नहीं बिगाड़ सकते हैं और इस तरह से सहयोग करने के लिए एक खुलापन है कि शायद वे पहले कम खुले थे."

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इंडो-पैसिफिक रणनीति को आगे बढ़ाने पर जोर

ट्रूडो ने कहा कि ऐसा लगता है कि अमेरिकी अभियोग ने भारत सरकार को अधिक शांत रुख अपनाने के लिए राजी कर लिया है. ट्रूडो ने कहा, "ऐसी समझ है कि शायद, सिर्फ कनाडा के खिलाफ हमले करने से यह समस्या दूर नहीं होने वाली है. हम अभी इस पर भारत के खिलाफ लड़ाई की स्थिति में नहीं रहना चाहते हैं."हम उस व्यापार समझौते पर काम करना और इंडो-पैसिफिक रणनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन कनाडा के लिए लोगों के अधिकारों, लोगों की सुरक्षा और कानून के शासन के लिए खड़ा होना मूलभूत बात है और यही हम करने जा रहे हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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