एयर इंडिया में 'पेशाब की घटना' पीड़िता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पीड़िता ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और एयरलाइन कंपनियों को यात्रियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं से निपटने के लिए वैधानिक अनिवार्य मानक संचालन प्रक्रियाएं (SoP) और नियमों को निर्धारित करने के निर्देश देने की मांग की है. साथ ही पीड़िता ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शराब परोसने की सीमा निर्धारित करने और घटना की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक की मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि घटना की मीडिया रिपोर्टिंग पीड़ित और अभियुक्त दोनों को पूर्वाग्रह से ग्रसित करती है. साथ ही पीड़िता ने याचिका में मांग की है कि कंपनियां हवाईअड्डों और विमानों में अनियंत्रित व्यवहार से निपटने के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करें और यह सुनिश्चित करें कि वे डीजीसीए के मानदंडों के अनुपालन में हो. भारतीय एयरलाइनों की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर शराब नीति पर दिशानिर्देश निर्धारित करने के निर्देंश दिए जाएं.
पीड़िता ने याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया है कि श्रेणी के आधार पर बिना किसी भेदभाव के, परोसी जाने वाली शराब की मात्रा पर सीमा निर्धारित की जाए. डीजीसीए को अपने यात्री चार्टर में संशोधन करने का निर्देश दें, ताकि कर्मचारियों के यात्रियों द्वारा किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के अधीन यात्रियों के अधिकारों और उपायों को शामिल किया जा सके जिसमें लोकपाल के माध्यम से पीड़ितों के लिए निवारण तंत्र और मुआवजे के मानदंड भी शामिल हों.
याचिका में मांग की गई है कि उनके मामले में पुलिस व पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाई जाए. ये याचिकाकर्ता और आरोपी के लिए और शर्मिंदगी को रोकने के लिए है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि पीड़ित और गवाह भविष्य में ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने से नहीं पीछे नही हटेंगे.
बता दें कि एयर इंडिया के विमान में महिला से दुर्व्यवहार की घटना 26 नवंबर, 2022 की है. एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-नई दिल्ली उड़ान की ‘बिजनेस श्रेणी' में सवार नशे में धुत शख्स ने करीब 70 वर्षीय एक महिला सहयात्री पर कथित तौर पर पेशाब कर दिया था.