मनीष सिसोदिया के गिरफ्तारी मामले में CBI रिमांड आर्डर कॉपी में किए गए अहम खुलासे...

रिमांड आर्डर कॉपी में लिखा है कि, आबकारी पॉलिसी तैयार करने का मकसद था शराब कारोबारी, लाइसेंसधारियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाना

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई की पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया है..
नई दिल्ली:

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से सीबीआई ने दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर रविवार को दिन भर पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सोमवार को उन्हें सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया गया. रिमांड आर्डर कॉपी के मुताबिक, ''15 आरोपियों के खिलाफ कथित आबकारी घोटाले में FIR दर्ज की गई जिसमें दिल्ली के सीएम और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया का नाम भी था. इस पॉलिसी को तैयार करने और उसके क्रियान्वयन के पीछे मकसद था शराब कारोबारी और लाईसेंसधारियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाना.''

रिमांड आर्डर कॉपी में कहा गया है कि, सीबीआई ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की थी, जिनमें से अभिषेक बोइनपिल्लै और विजय नायर दो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. बाकी के खिलाफ गहनता से जांच जारी है.

कॉपी में कहा गया है कि, जांच में सामने आया कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री होने के बावजूद मनीष सिसोदिया ने इस कथित आबकारी घोटाले में सक्रिय भूमिका अदा की. ग्रुप ऑफ मेंबर का सदस्य होने के साथ-साथ आबकारी मंत्री होने के बावजूद मनीष सिसोदिया ने इस पॉलिसी को लेकर बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट, आम जनता के हितों को ताक पर रखकर कैबिनेट नोट में कुछ बदलाव किए, यानी हेरफेर की गई, जिसका सीधा मकसद शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाना था. ये सब कुछ इसलिए किया गया क्योंकि विजय नायर के जरिए साउथ के ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की एडवांस रिश्वत ले ली गई थी ताकि पालिसी लागू होने पर उन्हें फायदा पहुंचाया जा सके.

रिमांड आर्डर कॉपी में कहा गया है कि, जांच में सामने आया कि रिश्वत का ये पैसा हवाला के जरिए हासिल किया गया जिसके पर्याप्त सबूत एजेंसी के पास मौजूद हैं. इन तमाम बिंदुओं पर जब इकट्ठे किए गए सबूत के आधार पर मनीष सिसोदिया से सवाल पूछे गए तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिए बल्कि अहम जानकरियां छिपाने की कोशिश की. इसके बाद सिसदिया को हिरासत में लेकर पूछ्ताछ जरूरी थी और इसीलिए उनकी गिरफ्तारी की गई.

रिमांड आर्डर कॉपी में साफ लिखा है कि, आरोपी से पूछताछ सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार CCTV की निगरानी वाली जगह की जाएगी, हर रोज आधे घंटे के लिए आरोपी शाम 6 से 7 बजे के बीच अपने वकील से मिल सकते हैं. हर रोज आरोपी को 15 मिनट के लिए पत्नी से मिलने की इजाजत दी जाएगी और आरोपी से पूछताछ के दौरान किसी भी तरह का थर्ड डिग्री इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

सिसोदिया दो बार पूछताछ में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए. सिसोदिया के अधीनस्थ लोगों ने ऐसे तथ्य उजागर किए हैं, जो उनके खिलाफ जाते हैं. कुछ दस्तावेजी सबूत भी ऐसे मिले हैं. जांच के लिए ज़रूरी है कि इन सबके सही जवाब मिलें.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: अप्पू, टप्पू और पप्पू कहकर किस पर निशाना साध रहे थे CM Yogi? | Sawaal India Ka
Topics mentioned in this article