पत्नी सेक्स से करे इनकार तो क्या पति के पास तलाक मांगने का ही एकमात्र विकल्प?: सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सवाल उठाया है कि जब पत्नी सेक्स से इनकार करे तो क्या पति के पास तलाक मांगने का ही एकमात्र विकल्प होगा? सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारत में वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. कोर्ट ने याचिकाओं पर दलीलें सुनना शुरू किया. अदालत ने कहा कि वह भारतीय दंड संहिता (IPC) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के दंडात्मक प्रावधानों की संवैधानिक वैधता पर फैसला करेगा जो मैरिटल रेप के अपराध के लिए पति को अभियोजन से छूट प्रदान करते हैं, यदि वह अपनी बालिग पत्नी को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करता है. 

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने से विवाह संस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या यह अलग अपराध नहीं होगा यदि वह पत्नियों को अपने पतियों पर रेप का मुकदमा चलाने से रोकने वाले कानूनी अपवाद को समाप्त कर देता है? कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा, "आपको हमें बताना होगा कि क्या हम अलग अपराध बना सकते हैं? 

सरकार ने मौजूदा दुष्कर्म कानून का समर्थन किया

मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने मौजूदा दुष्कर्म कानून का समर्थन किया है, जो पति-पत्नी के बीच यौन संबंधों के लिए अपवाद बनाता है. उसने कहा है कि यह मुद्दा कानूनी से ज्यादा सामाजिक है. IPC की धारा 375 के अपवाद 2 के जरिए मैरिटल रेप को "रेप" के दायरे से बाहर रखा गया है. इसी तरह का प्रावधान हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता में भी मौजूद है, जिसने इस साल एक जुलाई को आईपीसी की जगह ली है. 

Advertisement

सन 2022 में दिल्ली हाइकोर्ट ने इस बात पर विभाजित फैसला सुनाया था कि मैरिटल रेप को अपराध माना जाना चाहिए या नहीं. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा.

Advertisement

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील करुणा नंदी ने मामले में दलीलें शुरू कीं और कहा कि अदालत को उस अपवाद को खत्म कर देना चाहिए जो पत्नी को अपने पति पर रेप का मुकदमा चलाने से रोकता है. हालांकि सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या इस तरह के फैसले से अदालत द्वारा एक अलग अपराध का निर्माण नहीं हो जाएगा?

Advertisement

सहमति के बिना सेक्स दुष्कर्म ही है

जवाब में नंदी ने कहा कि अपराध अभी भी मौजूद है. उन्होंने आईपीसी की धारा 375 के प्रावधानों को समझाया. रेप पर मौजूदा कानून की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि, ''पीड़ितों या अपराधियों के तीन वर्ग हैं. पहला दुष्कर्मी जो पीड़िता से संबंधित नहीं है, दूसरा सहमति के बिना यौन संबंध (पति या पत्नी के साथ) और तीसरा अलग हो चुका पति, इसलिए यह कोई नया अपराध नहीं है. अगर मेरे पति, अजनबी या अलग हो चुके पति द्वारा मेरा रेप किया जाता है तो नुकसान की सीमा अलग नहीं है.''

Advertisement

उन्होंने कहा कि, ''मैं लिव-इन रिलेशनशिप में हो सकती हूं और अगर सहमति के बिना सेक्स होता है, तो भी यह दुष्कर्म है, और अगर मैं शादीशुदा हूं और अगर मेरे साथ जघन्य, हिंसक कृत्य किए जाते हैं तो क्या यह दुष्कर्म नहीं है?"

इसके बाद अदालत ने नंदी से इस तर्क पर यह जानने की कोशिश की कि क्या विवाह के दायरे में गैर-सहमति वाले संभोग को अपराध घोषित करने से विवाह संस्था के अस्थिर होने की आशंका नहीं होगी? इसके जवाब में नंदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद माना है कि निजता का इस्तेमाल महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए नहीं किया जा सकता. 

''पुरुष बनाम महिला का मामला नहीं'' 

इसके बाद जस्टिस पारदीवाला ने पूछा- ''तो आप कह रही हैं कि जब पत्नी सेक्स से इनकार करती है तो पति के पास तलाक मांगने का ही एकमात्र विकल्प होता है?" नंदी ने जवाब दिया, "हमारा संविधान लोगों के बदलने के साथ बदल रहा है. यह पुरुष बनाम महिला का मामला नहीं है.'' 

इसके बाद वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने दूसरे देशों में मौजूद कानूनी स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया. याचिकाओं पर अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी.

यह भी पढ़ें -

मैरिटल रेप क्राइम के दायरे में नहीं! केंद्र सरकार के मन में क्या? SC में दाखिल हलफनामे के इन तर्कों से समझिए

मैरिटल रेप को अपराध बनाने की जरूरत नहीं, यह कानूनी से ज्यादा सामाजिक : SC में केंद्र का हलफनामा

Featured Video Of The Day
Trudeau ने माना, 'Nijjar Murder Case में सबूत नहीं', फिर क्यों India पर लगाते रहे आरोप? | Canada
Topics mentioned in this article