कोयला संकट पर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री का कहना है कि अगर सप्लाई नहीं आती है तो देश की राजधानी दिल्ली में दो दिन बाद पूरे शहर में ब्लैक आउट होगा. दिल्ली से पहले तमिलनाडु और ओडिशा सहित कई राज्यों ने कोयला संकट पर चिंता जाहिर की थी.
शनिवार को ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, 'देशभर में जितने भी पावर प्लांट हैं, जो कोयले से चलते हैं, वहां पिछले कुछ दिनों से कोयले की बहुत कमी है. दिल्ली को जिन पावर प्लांट से सप्लाई होती है, उन सभी को मिनिमम एक महीने का कोयला स्टॉक रखना होता है, लेकिन अब वो कम होकर 1 दिन का रह गया है. केंद्र सरकार से हमारी अपील है कि रेलवे वैगन का इंतजाम किया जाए और कोयला जल्द से जल्द प्लांट्स तक पहुंचाया जाए. जितने भी प्लांट हैं, वे पहले से ही मात्र 55 फीसदी क्षमता पर चल रहे हैं. 3.4 लाख मेगावाट की जगह आज सिर्फ 1 लाख मेगावाट मांग रह गई है, इसके बावजूद पावर प्लांट सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं.'
साथ ही कहा, हमारे जो हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट हैं, उनकी भी क्षमता 45 हजार मेगावाट से घटकर 30 हजार मेगावाट रह गई है. हम चाहते हैं कि पीक आवर में वहां 45 हजार मेगावाट का उत्पादन हो. यह हाल तब है, जब हमने पावर परचेज एग्रीमेंट किए हुए हैं. एनटीपीसी से ही साढ़े 3-4 हजार मेगावाट का हमारा एग्रीमेंट है. उसके बावजूद हम आज 20 रुपए यूनिट बिजली खरीदने को तैयार हैं. हमने कहा है कि कितनी भी महंगी बिजली मिले खरीद लीजिएगा.
मंत्री ने साथ ही आरोप लगाया है कि मैन मेड क्राइसिस है, ऐसी राजनीति चलती है कि क्राइसिस क्रिएट करो तो लगेगा कुछ बड़ा काम किया है. जैसे ऑक्सीजन का क्राइसिस हुआ था, वो भी मैन मेड ही था, फिर से वैसी ही क्राइसिस नजर आ रही है कि कोयले की सप्लाई बंद कर दो. इस देश में कोयला उत्पादित होता है, देश में पावर प्लांट हैं और जितनी डिमांड है, उससे साढ़े 3 गुना प्रोडक्शन की हमारी क्षमता है, इसलिए लगता है कि यह मैन मेड क्राइसिस है.
साथ ही उन्होंने कहा, बवाना में हमारा 1300 मेगावाट का प्लांट है, जो गैस से चलता है, वहां गैस की सप्लाई कल बंद कर दी गई. केंद्र से हमने सप्लाई की मांग की, जिसके बाद सप्लाई मिल रही है. दिल्ली की तीनों कंपनियां खुद प्रोडक्शन नहीं करती हैं, दिल्ली में कोई भी कोयले का प्लांट नहीं है, तीन छोटे-छोटे प्लांट हैं, जहां गैस से प्रोडक्शन होता है. हम केंद्र के प्लांट पर डिपेंड हैं. अगर सप्लाई नहीं आती है, तो दो दिन बाद पूरी दिल्ली में ब्लैक आउट होगा.
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के बिजली संयंत्रों में कोयले की किल्लत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल ने पत्र में थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत और कोयले की मौजूदा स्टॉक की जानकारी दी है.