"अगर मैं राजनीति में आता हूं..." : चुनावी मौसम में गरीबी को लेकर बोले रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मैं हमेशा राजनीति से दूर रहा हूं और कुछ साल से मुझ पर अलग-अलग पार्टियों ने बेबुनियाद आरोप लगाए और उसका जवाब देने के लिए मुझे राजनीतिक तौर तरीके अपनाने पड़े.

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रॉबर्ट वाड्रा ने फ्रीबीज के सवाल पर खुलकर अपनी बात रखी. (फाइल)
नई दिल्ली :

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने आईएएनएस के साथ बातचीत में राजनीति के साथ ही कई और मुद्दों पर अपनी बात रखी और फ्रीबीज के सवाल पर कहा कि अगर आप खाली इलेक्शन से पहले इन चीजों का जिक्र करेंगे, उसी एरिया में जाएंगे जहां इलेक्शन है, वहां 10 हजार करोड़, 15 हजार करोड़ जैसी बड़ी घोषणाएं करेंगे. फिर जब असल में जमीन पर कुछ दिखाई नहीं देगा या पता नहीं चलेगा तो इससे क्या फायदा.

उन्होंने आगे कहा कि अगर आप सर्वे करोगे कि असल में काम हुआ है? लोगों को खुशी हुई? उनको काम मिला है? क्यों बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है? असल में जो घोषणा हुई है उस पर काम हो भी रहा है या नहीं या ये खाली बातें हैं.

उन्होंने कहा कि गरीबी बढ़ रही है, उसके ऊपर ध्यान देना बहुत जरूरी है. इसलिए लोगों को लगता है कि अगर मैं सक्रिय राजनीति में आता हूं तो लोगों को भरोसा है कि मैं जो काम कर रहा हूं, वह बड़े पैमाने पर कर पाऊंगा.

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फिट इंडिया मूवमेंट पर भी बोले वाड्रा 

सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट को लेकर उन्होंने कहा कि अगर फिट इंडिया की बात करें तो सिर्फ एक दिन नहीं, हर रोज उन्हें करके दिखाना पड़ेगा और अपने यूथ को अपने साथ रखना पड़ेगा. फिट बुलाने के लिए हर रोज मेहनत करनी होती है, सिर्फ एक दिन की मेहनत या योगा से नहीं होगा और जरूरी नहीं है किसी बॉलीवुड स्टार जैसे बनना है, अपनी मेहनत से बनो और वहां पहुंचो और इसके लिए बाहर से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनना जरूरी है.

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घर पर राजनीति की बातें नहीं : वाड्रा 

पार्टी की राजनीति में कोई भी परेशानी आती होगी तो क्या आपस में कुछ सलाह या मशवरा होता है? इसके जवाब में वाड्रा ने कहा कि हम कोशिश करते हैं कि अपने घर पर ज्यादातर राजनीतिक बात न करें, लेकिन अगर कोई मुश्किल होगी तो मैं, मेरे बच्चे बात करते हैं. क्योंकि हम प्रियंका की मेहनत को समझते हैं. राहुल गांधी की मेहनत रहती है, लेकिन हम ज्यादातर ये नहीं कहते कि क्या सही और क्या गलत है, क्योंकि उन्हें समझ है कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा क्या है, नेताओं की क्या सोच है तो उसमें हम बस अपनी सीमा पार नहीं करते हैं.

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मैं राजनीति से दूर रहा हूं : वाड्रा 

जहां प्रियंका गांधी की बात आती है राजनीति में तो आप किस तरह से सपोर्ट करते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं हमेशा राजनीति से दूर रहा हूं और कुछ साल से मुझ पर अलग-अलग पार्टियों ने बेबुनियाद आरोप लगाए और उसका जवाब देने के लिए मुझे राजनीतिक तौर तरीके अपनाने पड़े. मैंने 10 साल में काफी सीखा है, अपनी मेहनत से सीखा है.

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उन्होंने कहा कि अगर लोग राहुल और प्रियंका से नहीं मिल पाते हैं तो मुझसे मिलते हैं और उनकी बात समझ के मैं आगे ले जाता हूं. मैंने राहुल, सोनिया जी और प्रियंका के साथ भी मेहनत की है और मैंने देखा है कि इस परिवार ने अपने प्यारों को खोया इस देश के लिए तो मैं अपनी राय रखता हूं पर दखलंदाजी नहीं करता हूं, मैं मतलब समझता हूं कि मेरी एक सीमा है, उसको मैं पार नहीं करता हूं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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