केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु ने कहा है कि यदि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan)उन्हें राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के प्रावधान वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं हुए तो राज्य सरकार अगले महीने विधानसभा सत्र बुलाकर विधेयक लाएगी. शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को यहां प्रेस वार्ता में कहा कि यदि राज्यपाल सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के किसी पहलू से असहमत होते हैं तो सरकार अपना रुख स्पष्ट करेगी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने पहले कई अध्यादेशों को बिना कोई त्रुटि बताए रोक लिया.
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि वह (राज्यपाल) अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करते तो हम दिसंबर में विधानसभा सत्र बुला सकते हैं और इस संबंध में विधेयक ला सकते हैं.'' खबरों के अनुसार राज्यपाल खान ने कहा कि वह विवादास्पद अध्यादेश को राष्ट्रपति को भेज देंगे. इस बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है.
बिंदु ने कहा, ‘‘वह अध्यादेश राष्ट्रपति को भेज सकते हैं. इसमें क्या है? क्या हमने इसमें कोई आपत्तिजनक चीज रखी है?''उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा अध्यादेश ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कोई अनिश्चितता पैदा नहीं की है.राज्य की वाम नीत एलडीएफ सरकार ने बुधवार को राज्य के विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को कुलाधिपति बनाने के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ने इस फैसले का विरोध किया है. केरल सरकार का यह कदम राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति समेत अन्य विषयों पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ चल रहे उसके गतिरोध के बीच आया है. कांग्रेस और भाजपा ने फैसले का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि राज्य मंत्रिमंडल का फैसला केरल में विश्वविद्यालयों को ‘वामपंथी केंद्र' बनाने के उद्देश्य से लिया गया है.
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