मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग (Horticulture and Food Processing Department) के दो आला अधिकारियों का शनिवार की रात तबादल कर दिया गया. उद्यान विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव (Kalpana Srivastava) को नया प्रभार नहीं दिया गया है. वहीं 1993 बैच के आईएफएस अधिकारी और कमिश्नर मनोज कुमार अग्रवाल (Manoj Kumar Agrawal) को वापस वन विभाग भेज दिया गया है. तबादले आश्चर्यजनक थे क्योंकि आदेश एक गैर-कार्य दिवस रविवार की शाम को जारी किए गए हैं.
प्याज बीज खरीद घोटाले (Onion Seed Procurement Scam) की जांच के तुरंत बाद विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव को हटाने का मामला तूल पकड़ रहा है. कारण, वह किसानों के लिए प्याज खरीदने के मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही थीं.
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जांच में सामने आया है कि राज्य सरकार द्वारा बागवानी नर्सरियों में प्रमाणित बीजों की दर ₹1,100 प्रति किलोग्राम तय करने के बावजूद, बागवानी विभाग ने अप्रमाणित खरीफ प्याज के बीज ₹ 2,300 प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदे. बिना निविदा आमंत्रित किए राज्य द्वारा संचालित एमपी एग्रो के अलावा अन्य संस्थानों से बीज खरीदे गए थे. इस साल पहली बार खरीफ प्याज को राष्ट्रीय बागवानी मिशन में शामिल किया गया है. इसके बाद विभाग ने 90 क्विंटल प्याज के बीज ₹2 करोड़ में खरीदे. इस मामले में विभाग के आयुक्त मनोज कुमार अग्रवाल जांच के घेरे में थे.
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बता दें कि मध्य प्रदेश के बागवानी विभाग में कई घोटालों का मामला सामने आया है. इनमें आदिवासी बहुल जिलों में केंद्र की कृषि मशीनीकरण योजना के तहत किसानों के बीच घटिया चीनी बिजली टिलर का वितरण, नर्मदा तट पर वृक्षारोपण में अनियमितताएं, गेंदा के बीज की खरीद, जिनमें से 80% अंकुरित नहीं हुए और प्याज भंडारण में घटिया प्लास्टिक मल्च का एक कथित घोटाल शामिल है.
कल्पना श्रीवास्तव ने ही एनडीटीवी द्वारा किसानों को घटिया टीलर देने में अनियमितताओं की रिपोर्ट के बाद जांच का आदेश दिया था. पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया अब कल्पना श्रीवास्तव का कार्यभार संभालेंगे.
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