'2-फिंगर टेस्ट से गुजरना पड़ा' : रेप पीड़िता IAF अफसर ने लगाए आरोप- 'ट्रॉमा को दोबारा जीने पर मजबूर'

IAF Rape Probe : फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर यौन हिंसा का आरोप लगाने वाली पीड़िता का कहना है कि एयरफोर्स के डॉक्टरों ने उसका 2-फिंगर टेस्ट किया, जो कि एक प्रतिबंधित तरीका है और पीड़िता की निजता को भंग करने को लेकर अतीत में आलोचना का विषय रह चुका है.

Advertisement
Read Time: 24 mins
I
चेन्नई:

अपने सह-कर्मचारी फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर यौन हिंसा (Sexual Assualt) का आरोप लगाने वाली इंडियन एयर फोर्स की महिला अफसर ने उसकी मेडिकल जांच कर रहे डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जांच के दौरान उसे 'यौन शोषण के उस ट्रॉमा से दोबारा गुजरना पड़ा.' महिला अफसर की ओर से 29 साल के फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर आरोप लगाने के बाद आरोपी को पिछले रविवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया गया था. पीड़िता का कहना है कि एयरफोर्स के डॉक्टरों ने उसका 2-फिंगर टेस्ट किया, जो कि एक प्रतिबंधित तरीका है और पीड़िता की निजता को भंग करने को लेकर अतीत में आलोचना का विषय रह चुका है. यह भी माना जाता है कि इस टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.

अपनी पुलिस शिकायत में पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि उससे उसकी 'सेक्सुअल हिस्ट्री' के बारे में भी पूछा गया था. महिला ने बताया कि ऑफिसर ने उसके साथ कोयंबटूर के रेडफील्ड स्थित एयर फोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज में उसके कमरे में हुआ था. वो ट्रेनिंग के लिए यहां आई थी. 

- - ये भी पढ़ें - -
* 'नाबालिग लड़की का आरोप : प्रेमी ने बनाया अश्लील वीडियो, फिर ब्लैकमेल कर 29 लड़कों ने किया रेप
* मुंबई : साकीनाका बलात्कर और हत्या केस में पुलिस ने 18 दिन के भीतर फाइल की चार्जशीट

Advertisement

यौन हिंसा की घटना लगभग दो हफ्तों पहले हुई थी. महिला अफसर ने बताया कि वो पुलिस के पास जाने को तब मजबूर हुई, जब IAF की ओर से उसकी शिकायत पर संतुष्टिजनक कार्रवाई नहीं की गई. उसने बताया कि उसे दो बार शिकायत पत्र वापस लेने के लिए लिखित में एक विदड्रॉल सबमिट करना पड़ा था. वहीं एक बार उससे कुछ बदलाव के साथ लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया, जो करने से उसने मना कर दिया.

Advertisement

एयरफोर्स की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि 'IAF जांच में पुलिस का सहयोग कर रहा है और खुद भी एक आंतरिक जांच कर रहा है. चूंकि मामला विचाराधीन है, ऐसे में हम इसपर इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं.'

Advertisement

इस मामले में शहर के गांधीपुरम पुलिस स्टेशन की एक महिला पुलिस की टीम ने प्राथमिक जांच की थी. धारा 376 के तहत एक यौन हिंसा का मामला दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी फ्लाइट लेफ्टिनेंट ट्रेनिंग के लिए रेस कोर्स स्थित एयरफोर्स फैसिलिटी पर आया था. उसकी गिरफ्तारी पर उसके वकील ने यह कहकर विरोध किया था कि 'एक एयरफोर्स अफसर को गिरफ्तार करने की शक्ति कोयंबटूर पुलिस के पास नहीं है. सब मिलिट्री की प्रक्रिया का ही पालन किया जाना चाहिए.' हालांकि, कोर्ट ने बाद में उसे दो दिन की रिमांड पर भेज दिया था. कोयंबटूर के पुलिस कमिश्नर दीपक एम दामोर ने NDTV से बताया कि 'कानून में कोई FIR एयरफोर्स को ट्रांसफर करने को लेकर कोई प्रावधान ही नहीं है. पुलिस जांत करने के बाद कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेगी.'

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir Assembly Elections: अलगाववादियों से समझौता नहीं: BJP | NDTV India