वयोवृद्ध समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav Passed Away) का गुरुवार को 75 साल की उम्र में निधन हो गया। मध्यप्रदेश में जन्मे, लेकिन अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाए बिहार के नेताओं ने उनके देहांत पर शोक जताया है. शरद यादव के राजनीतिक सहयोगी रहे आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से लेकर उनके राजनीतिक विरोधी रहे बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी उन्हें याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की है.
सिंगापुर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लालू प्रसाद यादव ने अस्पताल से वीडियो जारी कर उन्हें याद किया. उन्होंने कहा, 'बड़े भाई शरद यादव की मृत्यु की खबर सुनकर मैं काफी विचलित हुआ हूं. काफी दुखी हूं और काफी आघात लगा है. शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, मैं बाकी तमाम नेताओं के साथ जननायक डॉ. राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के सानिध्य में राजनीति करते आए हैं. आज एकाएक उनके जाने से मुझे बहुत आघात लगा. वे महान समाजवादी नेता थे, स्पष्टवादी थे. उनसे मैं कभी-कभी लड़ भी लेता था. मतभेद होता, लेकिन मनभेद नहीं. वो अब हमारे बीच नहीं हैं. भगवान उनकी आत्मा को चिर शांति दें. शोकाकुल परिजनों के लिए मेरी संवेदनाएं.'
शरद जी से था गहरा संबंध- नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें याद कर कहा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी का निधन दुःखद. शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था. मैं उनके निधन की खबर से स्तब्ध एवं मर्माहत हूं. वे एक प्रखर समाजवादी नेता थे. उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें."
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर शरद यादव के निधन पर शोक जताया. उन्होंने कहा, ''मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं. कुछ कह पाने में असमर्थ हूं. माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई. दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है.''
सुशील कुमार मोदी ने ऐसे किया याद
बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, 'शरद यादव मेरे राजनीतिक अभिभावक थे. मुझे उपमुख्यमंत्री बनवाने में उनकी बड़ी भूमिका थी. बिहार उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा.'
पप्पू यादव ने दी श्रद्धांजलि
वहीं बिहार के अन्य नेताओं ने भी शरद यादव को यादकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा, "देश के दिग्गज राजनेता, समाजवाद और सामाजिक न्याय के योद्धा शरद यादव के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हैं. राजनीति में मतांतर भले रहा, लेकिन उनसे सदैव स्नेह का संबंध रहा. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. सुभाषिनी जी और शांतनु जी के प्रति मेरी गहरी संवेदना है."
मीसा भारती ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए
लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी और आरजेडी से राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने लिखा, 'समाजवाद की प्रबल आवाज़ आज शांत ज़रूर हुई है, लेकिन प्रेरणा बनकर हमारी स्मृतियों में सदा कौंधती रहेगी! आदरणीय शरद यादव जी को अश्रुपूरित भावभीनी श्रद्धांजलि.'
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने लिखा- 'ओम शांति'
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने भी ट्वीट किया, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शरद यादव जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान और परिवार के सदस्यों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति.'
अपनी पार्टी का आरजेडी में किया विलय
शरद यादव ने जेडीयू से साल 2016 में इस्तीफा देने के बाद अपनी पार्टी का गठन किया था और उन्होंने नई पार्टी बनाई थी. इसके बाद इस पार्टी का उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया. उनकी बेटी सुभाषिनी कांग्रेस में हैं. शरद यादव चार बार बिहार के मधेपुरा सीट से सांसद रहे. वे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष के साथ केंद्र में मंत्री भी रह चुके थे.
2017 में किया था जेडीयू से विद्रोह
शरद यादव काफी समय तक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता रहे. कहा जाता है कि यादव 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के जदयू के फैसले के प्रति आशंकित थे. चार साल बाद 2017 में भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के नीतीश कुमार के फैसले के कारण यादव ने विद्रोह कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें राज्यसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
उल्लेखनीय है कि शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा से राजद के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. वह चार बार इस सीट से चुनाव जीत चुके थे.