बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ (Kiran Mazumdar-Shaw) ने सोमवार को कहा कि उनकी बायोफार्मास्यूटिकल्स फर्म ने चुनावी बॉन्ड के जरिए किसी भी राजनीतिक दल को कोई दान नहीं दिया है. हालांकि उन्होंने ये स्पष्ट किया कि उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) सहित कई पार्टियों को दान देने के लिए "व्यक्तिगत स्तर पर" चुनावी बॉन्ड खरीदे थे.
एक्स पर एक पोस्ट करते हुए किरण मजूमदार शॉ ने लिखा कि "स्पष्ट करना चाहूंगा कि बायोकॉन ने चुनाव के लिए जेडीएस या किसी अन्य पार्टी को कोई चंदा नहीं दिया. व्यक्तिगत स्तर पर, मैंने चुनावी बांड खरीदे, जिसे मैंने जेडीएस और कई पार्टियों को दान दिया.
बता दें कि हाल ही में चुनावी बॉन्ड को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट एक्स पर एक यूजर ने बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ पर निशाना साधा था. एक्स पर पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा था कि बेंगलुरु स्थित बायोफार्मास्यूटिकल्स फर्म प्रमुख ने कर्नाटक चुनाव से पहले हर महीने 5 करोड़ रुपये का दान दिया. इस पोस्ट पर मजूमदार शॉ ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "यह गलत है. आप गणित को समझिए."
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक अन्य उपयोगकर्ता अरमान अहमद ने पोस्ट करते हुए लिखा था, "यह वास्तव में 6 करोड़ रुपये है. यदि आपको लगता है कि आपने उन्हें अन्य तरीकों से भुगतान किया है, तो कृपया स्पष्ट करें." मजूमदार शॉ ने अहमद को जवाब देते हुए लिखा था, "मैं हमेशा पारदर्शी रहती हूं और आप जो देखते हैं वही सही है." यह पूछे जाने पर कि क्या उनसे दान देने के लिए "कहा गया" था, बायोकॉन प्रमुख ने कहा, "सभी पार्टियां फंडिंग चाहती हैं.
जानें किस पार्टी को मिला कितनी चंदा
भाजपा (BJP) को 2018 में चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) योजना लागू होने के बाद इसके माध्यम से सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को 1,397 करोड़ रुपये, कांग्रेस (Congress) को 1,334 करोड़ रुपये और बीआरएस (BRS) को 1,322 करोड़ रुपये मिले. चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा दान पाने वालों की पार्टियों में TMC दूसरे, कांग्रेस तीसरे और बीआरएस चौथे नंबर की पार्टी है.
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