Exclusive: नए संसद भवन का निर्माण कितना जरूरी था? यह है दो पूर्व लोकसभा अध्यक्षों की राय

सुमित्रा महाजन ने कहा- संसद में एक-एक बैंच पर हम नौ-दस लोग बैठते थे, बहुत परेशानी होती थी. मीरा कुमार ने कहा- लोगों के मन में संदेह है कि इतिहास के साथ कुछ बदलाव किया जा रहा है

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पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी कल नए संसद भवन गए थे और वहां की तस्‍वीरें भी सामने आई हैं. हालांकि कांग्रेस ने नए संसद भवन पर ऐतराज जताया है. नए संसद भवन को लेकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने NDTV से कहा कि, घर में भी जब सदस्य बढ़ते हैं तो कुछ नया करना पड़ता है. पूर्व स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि काफी लोगों के मन में यह संशय है कि इतिहास के साथ कुछ बदलाव किया जा रहा है. जिनके मन में यह संदेह उठ रहा है उनको आश्वस्त करना भी एक जिम्मेदारी बनती है.

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि, ''मैंने नए संसद भवन की कुछ तस्वीरें देखीं और वास्तव में बहुत अच्छा लगा. कई दिनों से यह मांग चल रही थी कि संसद भवन नया बनना चाहिए. इसके पीछे कई कारण थे. मेरे पूर्व की अध्यक्ष मीरा कुमार के समय भी यही चर्चा हुई थी और प्रस्ताव आया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई थी.'' 

उन्होंने कहा कि, ''लोकसभा अध्यक्ष के तहत यह सब बातें आती हैं. मैं जब अध्यक्ष बनी तो सदस्य कई बार कहा कहते थे कि बैठने के लिए ढंग से जगह नहीं मिल पा रही. हमें पता है परिसीमन होता है तो सीटें बढ़ती जाती हैं. करीब 60-70 साल में कई सीटें बढ़ गईं. संसद सदस्य बढ़ गए.'' 

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उन्होंने कहा कि, ''जिस तरह से हमारी पुरानी संसद बनी है, बहुत अच्छी है, बहुत सुंदर है. मगर उसको करीब सौ साल पूरे हो गए. वहां पर जो बैठने के लिए बैंचेस हैं, उसमें एक-एक बैंच पर हम नौ-दस लोग बैठते थे. मैंने भी उसको अनुभव किया है. बैंच पर बीच वाले को उठकर जाना है तो बहुत तकलीफ होती थी. हमें पर्स या कागज रखने की जगह नहीं मिलती थी. तृणमूल के एक सांसद ने तो चलती संसद में यह मामला उठाया था.''      

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सदस्य बढ़ने पर नया घर बनाना पड़ता है
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नए संसद भवन को लेकर आपत्ति जताई है और कहा है कि यह पैसों की बर्बादी है. इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि, ''मैं इस राजनीति में नहीं पड़ूंगी, लेकिन अपने घर में भी जब सदस्य बढ़ते हैं, नए बच्चे आते हैं तो हम भी तो अपने घर में कुछ नया करते हैं. कभी-कभी तो घर भी हम नया बनाते हैं.''  

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पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि, ''मैंने संसद भवन को देखा नहीं है.'' उन्होंने कहा कि, ''काफी लोगों के मन में यह संशय है कि इतिहास के साथ कुछ बदलाव किया जा रहा है. जिनके मन में यह संदेह उठ रहा है उनको आश्वस्त करना भी एक जिम्मेदारी बनती है.'' 

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ऐतिहासिक इमारत को कोई नुकसान न पहुंचे
उन्होंने कहा कि, ''मैं 10 वर्ष की उम्र से ही संसद भवन में जाती रही हूं. उस समय मैं दर्शक दीर्घा में बैठती थी. बाद में मैं खुद सांसद बनी और लोकसभा में बैठी. जब मैं स्पीकर बनी तो लगा कि संसद भवन में और स्थान की आवश्यकता है. लेकिन साथ में यह भी चाहती थी कि हमारी ऐतिहासिक इमारत को कोई नुकसान न पहुंचे. अब नई इमारत बन गई है. पुरानी इमारत जो 1927 में कमीशन की गई थी, हम उसको बचाकर रखें. यह हमारी जिम्मेदारी बनती है.''

उन्होंने कहा कि, ''नया संसद भवन, कलाकारों, वास्तुकारों और श्रमिकों की मदद से बना है. देखा नहीं, पर लगता है कि वह बहुत सुंदर होगा.''    

पीएम मोदी ने नए संसद भवन का दौरा किया
नए संसद भवन के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देर शाम को अचानक नए संसद भवन का दौरा किया. उन्होंने यहां एक घंटे से अधिक समय बिताया. पीएम ने अधिकारियों ने एक-एक चीज का बारीकी से जायजा लिया. नए संसद भवन में पीएम मोदी ने विभिन्न कार्यों का निरीक्षण किया. उन्होंने संसद के दोनों सदनों में मिलने वाली सुविधाओं को भी देखा. पीएम ने निर्माण के काम में लगे श्रमिकों से भी बातचीत की. प्रधानमंत्री के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे. इस दौरे की कई तस्वीरें सामने आईं. 

कांग्रेस ने कहा फिजूलखर्ची
कांग्रेस ने नए भवन के निर्माण पर व्यय को फिजूलखर्ची कहा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नए संसद भवन के निर्माण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि, ''यह व्यक्तिगत घमंड वाला पहला प्रोजेक्ट है. हर तानाशाह अपनी वास्तु विरासत को पीछे छोड़ना चाहता है. पैसे की भारी बर्बादी.''

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