सायरन की आवाज का इस्तेमाल न करें... भारत-पाक टेंशन की खबरों पर न्यूज चैनल्स को MHA का निर्देश

सायरन की आवाज (Siren Sound) का इस्तेमाल न्यूज चैनल्स के प्रोग्रामों में इन दिनों जमकर किया जा रहा है. जिसकी वजह से लोग इसे सारा दिन सुनते रहते हैं. इससे सायरन जैसी संवेदनशील आवाज अब नॉर्मल सी लगने लगी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
सायरन पर गृह मंत्रालय की मीडिया एडवाइजरी.
नई दिल्ली:

भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच मीडिया चैनल्स लगातार पल-पल का अपडेट लोगों तक पहुंचा रहे हैं. इस बीच न्यूज चैनल्स अपने प्रोग्रामों में एयर साइरन की आवाज (Air Siren Sound) का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय ने इसे लेकर एडवाइजरी (Home Ministry Advisory) जारी की है. इस एडवाइजरी में न्यूज चैनल्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को दोनों देशों के बीच चल रहे हालात की जानकारी देने वाले प्रोग्रामों में सायरन की आवाज का इस्तेमाल न करें. न्यूज चैनल्स नागरिक सुरक्षा हवाई हमले के सायरन की आवाज़ का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से सायरन के प्रति नागरिकों की संवेदनशीलता कम हो सकती है. 

ये भी पढ़ें-अपने ये टूटे खिलौने देख लो जनरल मुनीर... खेतों में मजाक बन बिखरा पड़ा है पाक हथियारों का कबाड़ा

न्यूज चैनल्स को गृह मंत्रालय का निर्देश

गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि लगातार सायरन की आवाज सुनते रहने से लोग वास्तविक हवाई हमले के दौरान इस्तेमाल होने वाले सायरन को नॉर्मल समझने लगेंगे. नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 के मुताबिक, सभी न्यूज चैनल्स नागरिक सुरक्षा तैयारियों को बढ़ाने में सरकार का सहयोग करें. गृह मंत्रालय ने इस अधिनियम की धारा 3 (1) (डब्ल्यू) (0) के तहत  दी गई शक्तियों को याद दिलाते हुए सभी मीडिया चैनलों से सायरन की आवाज़ का उपयोग करने से बचने के निर्देश दिए.  

Advertisement

कब होता है सायरन का इस्तेमाल

सायरन का इस्तेमाल नागरिकों को इमरजेंसी हालात की जानकारी देने के लिए किया जाता है. 1937 में जब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई तो चेतावनी के संकेत के रूप में सायरन का प्रयोग बडे़ पैमाने पर  शुरू हुआ. सायरन बनाने वाली जर्मनी की कंपनी हर्मन ग्रूप की रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्ध में जर्मनी में करीब 11,000 सायरन बजाकर जनता को हवाई हमले की चेतावनी दी जाती थी.सायरन का इस काम के अलावा कहीं और प्रयोग करने की इजाजत नहीं थी.इनका इस्तेमाल सिर्फ हवाई हमले की चेतावनियों और खतरे के गुजर जाने के बाद ऑल-क्लियर बताने के लिए किया जा सकता था. 

Advertisement

सायरन की आवाज प्रोग्रामों में न बजाएं

लेकिन अब सायरन की आवाज का इस्तेमाल न्यूज चैनल्स के प्रोग्रामों में जमकर किया जा रहा है. यह सारा दिन लोगों के कानों में गूंजती रहती है. जिसकी वजह से लोग इसे सुनने के आदी हो गए हैं. इससे सबसे बड़ा असर ये हो रहा है कि सायरन की आवाज अब नॉर्मल सी लगने लगी है. जब कि ये तो इमरजेंसी अलर्ट की सूचक है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP Politics: Mayawati ने फिर कतरे Akash Anand के पर! भाषण देने पर लगाई रोक | NDTV India