कीव में पीएम नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बातचीत की.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि यूरोपीय देश की आजादी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की पहली यात्रा के साथ इतिहास रच दिया गया है. उन्होंने कहा कि भारत और यूक्रेन ने कई क्षेत्रों में चार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं.
- रूस से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, "यात्रा के बाद, हम एक संयुक्त वक्तव्य पर भी सहमत हुए, जिसमें रणनीतिक साझेदारी के विकास, द्विपक्षीय व्यापार और निरंतर सैन्य-तकनीकी सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा."
- भारत-यूक्रेन के संयुक्त वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने में आगे सहयोग के लिए अपनी तत्परता दोहराई, जैसे कि राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान. संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, "वे इस संबंध में घनिष्ठ द्विपक्षीय वार्ता की आवश्यकता पर सहमत हुए."
- प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह स्पेशल ट्रेन से कीव पहुंचे. यह 1991 में रूस के स्वतंत्र होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है.
- रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौर में जेलेंस्की के साथ हुई अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन में शांति बहाल करने के हर प्रयास में "सक्रिय भूमिका" निभाने के लिए सदैव तैयार है और वह संघर्ष को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेंगे.
- पीएम मोदी ने वार्ता के दौरान अपने आरंभिक भाषण में कहा, "हम (भारत) तटस्थ नहीं हैं. शुरू से ही हमने पक्ष लिया है, और हमने शांति का पक्ष चुना है. हम बुद्ध की धरती से आए हैं, जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है." उन्होंने कहा, "हम महात्मा गांधी की धरती से आए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया था."
- दोनों पक्षों ने भारतीय-यूक्रेनी अंतर-सरकारी आयोग (IGC) से द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को न केवल संघर्ष-पूर्व स्तर पर बहाल करने, बल्कि उन्हें और अधिक विस्तारित और गहरा करने के लिए सभी संभव तरीके तलाशने के लिए कहने पर सहमति व्यक्त की.
- जारी संघर्ष से संबंधित चुनौतियों के कारण 2022 से वस्तुओं के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय कमी आई है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को सितंबर 2022 में समरकंद में और पिछले महीने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हुई बातचीत से भी अवगत कराया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कुछ समय पहले जब मैं समरकंद में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है. पिछले महीने जब मैं रूस गया था, तो मैंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में कभी नहीं मिलता है."
- प्रधानमंत्री मोदी की कीव यात्रा को कई क्षेत्रों में कूटनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि रूस की उनकी यात्रा से कुछ पश्चिमी देशों में नाराजगी पैदा हो गई थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने एक अभिनव समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच "व्यावहारिक जुड़ाव" की आवश्यकता को दोहराया, जो व्यापक स्वीकार्यता बनाने और शांति और स्थिरता में योगदान करने में मदद करेगा.
- दोनों पक्षों ने समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने तथा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों से निपटने में इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, प्रभावी और कुशल बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार का आह्वान किया. यूक्रेन ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: PM मोदी के कुवैत दौरे का दूसरा दिन, Bayan Palace में दिया गया Guard Of Honour