सुप्रीम कोर्ट (SC) ने अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए तमाम आरोपों को खारिज करते हुए हिंडनबर्ग मामले में SEBI की जांच पर भरोसा जताया है. SC ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता इस मामले में ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाए हैं जिससे ये लगे कि SEBI की रिपोर्ट में कोई कमी है. हम SEBI की रिपोर्ट को सही मानते हैं. और अब इस मामले में किसी SIT जांच की जरूरत नहीं है.
आइये हम इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई कुछ अहम टिप्पणियों से आपको रूबरू करवाते हैं....
SEBI की जांच के ऊपर
कोर्ट ने हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि SEBI ने अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए 24 में से 22 आरोपों की जांच की है. SEBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल द्वारा दिए गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए, हम SEBI को दो बाकी मामलों की जांचों अगले तीम महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश देते हैं. अदालत ने SEBI की जांच के नतीजे में हस्तक्षेप नहीं किया है. SEBI को अपनी जांच को कानून के मुताबिक तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना चाहिए.
SIT जांच की मांग पर...
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम SEBI की जांच से पूरी तरह से संतुष्ट हैं. ऐसे में हम अब इस मामले में किसी तरह की कोई SIT जांच कराने के पक्ष में नहीं है. इस अदालत के पास किसी अधिकृत एजेंसी द्वारा की जा रही जांच को SIT या CBI को स्थानांतरित करने की शक्ति है. ऐसी शक्ति का उस स्थिति में प्रयोग किया जाता है जब प्रतिस्पर्धी प्राधिकारी जांच करने में स्पष्ट और जानबूझकर निष्क्रियता दर्शाते हैं. इस मामले में जांच के हस्तांतरण की सीमा का अस्तित्व प्रदर्शित नहीं किया गया है.
OCCRP रिपोर्ट पर...
याचिकाकर्ता द्वारा OCCRP रिपोर्ट पर लगाए गए आरोपों को कोर्ट ने खारिज कर दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि SEBI जांच करने में उदासीन था. कोर्ट ने कहा कि बिना सत्यापन के किसी थर्ड पार्टी की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता. क्या याचिकाकर्ताओं की डीआरआई के पत्र पर निर्भरता गलत है. क्योंकि इस मुद्दे को अतिरिक्त महानिदेशक सीईएसटीएटी द्वारा डीआरआई के समवर्ती निष्कर्षों द्वारा पहले ही सुलझा लिया गया है.
हितों के टकराव के आरोपों पर कोर्ट...
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सदस्यों के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप निराधार और झूठे हैं.
निवेशकों को हुए नुकसान पर कोर्ट...
कोर्ट ने कहा कि SEBI और केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां इस बात की जांच करेंगी कि क्या हिंडनबर्ग रिसर्च और अन्य संस्थाओं द्वारा कम पोजीशन लेने के कारण भारतीय निवेशकों को जो नुकसान हुआ है, उसमें कानून का कोई उल्लंघन हुआ है; और यदि हां, तो उचित कार्रवाई की जाएगी.
एक्सपर्ट पैनल के सुझाव पर कोर्ट
कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार और SEBI के विशेषज्ञ समिति के सुझावों पर रचनात्मक रूप से विचार करेंगे.इन्हें सिफारिशों की एक गैर-विस्तृत सूची के रूप में माना जा सकता है. भारत सरकार और SEBI की विशेषज्ञ समिति रिपोर्ट तैयार करेंगे और नियामक ढांचे में खड़े रहना, निवेशकों की रक्षा करना और सुरक्षा के व्यवस्थित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई करेंगे.
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