'पुष्‍पा' स्‍टाइल में तस्‍करी या बाढ़ की मार? हिमाचल के पंडोह डैम में बहकर आई लकड़ियां, सीआईडी जांच के आदेश

सभी की निगाहें सीआईडी जांच पर टिकी हैं कि क्या वाकई यह मामला प्राकृतिक आपदा की देन है, या फिर फिल्मी स्टाइल में तस्करी की कोई संगठित साजिश. आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट से इस रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद है.

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पंडोह डैम में लकड़ियां बरामद होने के मामले की होगी सीआईडी जांच
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  • हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पंडोह डैम के पास लाखों लकड़ियां बहकर आई हैं. तस्‍करी का संदेह है.
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लकड़ियां बहती हुई दिख रही हैं. ये दृश्‍य साउथ की फिल्‍म 'पुष्‍पा' जैसा है.
  • विपक्ष ने तस्‍करी का संदेह जताया है, जिसके बाद सरकार ने घटना की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं.
  • बाढ़ के कारण पेड़ उखड़ने की भी संभावना जताई जा रही है. फिलहाल सबकी निगाहें सीआईडी जांच पर है.
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मंडी:

ये तस्‍वीरें किसी फिल्‍मी सीन से कम नहीं- जैसे कि ब्‍लॉकबस्‍टर फिल्‍म 'पुष्‍पा: द राइज' का कोई सीन हो. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित पंडोह डैम में हाल ही में बहकर आई लाखों की संख्या में लकड़ियों को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. नदी में करोड़ों रुपये की लकड़ियां बहती हुई देखी गई हैं. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में देखा जा रहा है कि कुल्लू से बहती आई लाखों लकड़ियां मंडी के पंडोह डैम के पास इकट्ठा हो रही हैं. ये वीडियो पुल के ऊपर से बनाया गया है. वीडियो 24 जून का बताया जा रहा है. 

फिल्‍म 'पुष्‍पा: द राइज' का लीड किरदार पुष्‍पा, जो लाल चंदन की लकड़ी की तस्करी करता है, वो पुलिस से बचने के लिए लकड़ियों को नदी में बहा देता है और फिर नीचे बने डैम पर उन्हें वापस निकाल लेता है. मंडी के इस रियल वीडियो को देखकर भी विपक्ष ने तस्‍करी के सवाल उठाए हैं.

24 जून को कुल्लू और आसपास के इलाकों में बादल फटने और बाढ़ के बाद भारी मात्रा में लकड़ियां नदी में बहती हुई डैम तक पहुंच गई थीं. 

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सरकार ने जांच के आदेश दिए

विपक्ष का कहना है कि ये वीडियो राज्य में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने की ओर इशारा करता है. तस्करों ने 'पुष्पा स्टाइल' में लकड़ी की तस्करी की है. हालांकि, राज्य सरकार का कहना है कि ये लकड़ियां बाढ़ या बादल फटने की वजह से उखड़े पेड़ों की भी हो सकती हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने मामले की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के बाद उनके प्रमुख सलाहकार नरेश चौहान ने कहा, हमने तुरंत कार्रवाई की और जांच का आदेश दिया. 

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'हो सकता है, बादल फटने से पेड़ उखड़ गए हों'

सरकार के प्रवक्‍ता ने कहा, 'हमने तुरंत कार्रवाई की और वन विभाग के अधिकारियों से जांच करने को कहा. लोग कह रहे हैं कि इसमें अवैध कटान हो सकता है, लेकिन यह भी मुमकिन है कि बादल फटने से पेड़ उखड़ गए हों और पहले से गिरी लकड़ियां बहकर डैम तक पहुंची हों.' आगे उन्‍होंने कहा, 'फिर भी हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं और मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जांच हो कि कहीं अवैध पेड़ कटाई तो नहीं हुई. साथ ही, राज्य में बादल फटने से प्रभावित सभी लोगों की मदद की जा रही है.' 

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सरकार का कहना है कि आपदा के समय सबसे पहला काम लोगों की जान बचाना और राहत पहुंचाना है, लेकिन वायरल वीडियो और जनता की चिंता को देखते हुए किसी भी अवैध गतिविधि की जांच जरूरी है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी ऐसे संवेदनशील समय में भी राजनीति कर रही है, जबकि पिछली बीजेपी सरकार के समय वन कटाई और तस्करी के मामलों की कोई निष्पक्ष जांच नहीं करवाई गई थी. उनके कार्यकाल में वन माफिया सक्रिय थे और जिम्मेदारी तय नहीं की गई.

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अब निगाहें सीआईडी की जांच पर

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी जांच जरूरी हो गई थी, ताकि यदि कोई दोषी है तो उसे कानून के दायरे में लाया जा सके. मुख्यमंत्री सुक्खू ने मामले को सीआईडी को सौंप दिया है. सीआईडी इन बिंदुओं पर जांच करेगी कि 

  • ये लकड़ियां कहां से आईं?
  • ये वन विभाग की संपत्ति थीं या किसी और की?
  • कहीं ये किसी संगठित तस्करी गिरोह की करतूत तो नहीं है?

सभी की निगाहें सीआईडी जांच पर टिकी हैं कि क्या वाकई यह मामला प्राकृतिक आपदा की देन है, या फिर फिल्मी स्टाइल में तस्करी की कोई संगठित साजिश. आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट से इस रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद है.
 

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