HC का दिल्‍ली सरकार को निर्देश, 'कोरोना टेस्‍ट सेंटर बढ़ाएं, RT PCR टेस्टिंग का इन्फ्राट्रक्चर करें अपग्रेड'

हाईकोर्ट ने दिल्‍ली सरकार से कोरोना टेस्ट सेंटर बढ़ाने के लिए कहा है. HC ने इसके साथ ही हाईकोर्ट ने RT PCR  टेस्टिंग के इन्फ्राट्रक्चर को अपग्रेड करने के निर्देश भी दिए हैं.

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दिल्‍ली हाईकोर्ट में सोमवार को कोरोना मामले पर सुनवाई हुई (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

देश की राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्‍ली सरकार से कोरोना टेस्ट सेंटर बढ़ाने के लिए कहा है. HC ने इसके साथ ही हाईकोर्ट ने RT PCR  टेस्टिंग के इन्फ्राट्रक्चर को अपग्रेड करने के निर्देश भी दिए हैं. कोरोना मामले को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने केंद्र के सुझावों पर बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली के लिए 480MT ऑक्सीजन आवंटित की गई है, अगर हम 340 मीट्रिक टन की आपूर्ति करते हैं तो भी स्थिति बेहतर हो जाएगी. उन्‍होंने कहा कि 480 मीट्रिक टन से अधिक बढ़ाने पर विचार किया गया है. चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति  वृद्धि युद्ध स्तर पर चल रही है.खाली टैंकरों को भी एयरलिफ्ट किया गया, विशेष ट्रेनों की तैनाती की गई. सुनवाई के दौरान  हाईकोर्ट ने कहा कि हम ये नहीं मानेंगे कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

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तुषार मेहता ने हाईकोर्ट में अजय भल्ला द्वारा दिल्ली के चीफ सेकेट्री को लिखी चिट्ठी की जानकारी दी, इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार के पास सही योजना न होने की वजह से ये दिक्कत हुई. सरकार ने ऑक्सीजन के लिए टैंकर नहीं भेजे. अगर आपूर्ति करने वालों और हितधारकों के बीच सही समन्वय होता तो जयपुर गोल्डन की घटना ना होती. अब दिल्ली सरकार ने प्रत्येक अस्पताल के साथ आधिकारी की नियुक्ति करने का फैसला किया है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति समान रूप से बनी रहे, इससे हालात सुधरेंगे.सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को ऑक्सीजन को लेकर सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है. इसमें बताया गया है कि किस तरह अस्पतालों में ऑक्सीजन का आवंटन किया जा सकता है. केरल और तमिलनाडु सरकार ने ऑक्सीजन का बेहतर प्रबंधन किया है. हमारे लिए 'आप', कांग्रेस, लेफ्ट या AIDMK सरकार नहीं है बल्कि एक सरकार है.केंद्र सिर्फ ऑक्सीजन का प्रबंध और आवंटन करने के लिए है. अस्पतालों में आवंटन और वितरण राज्यों को करना है.

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सॉ‍लिसिटर जनरल ने कहा, कभी-कभी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस होते हैं, आज बंगलौर में ज्यादा हैं.हमें इस तरह से वितरण करना होगा कि उनका ध्यान रखा जाए.यह एक जरूरत आधारित अभ्यास है, इसलिए हमने राज्य सरकारों को अस्पतालों दैनिक आधार पर ऑडिट करने और प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है. डॉक्टरों के विवेक को दूर किए बिना ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग पर  जानकारी दी गई है सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने केजरीवाल की उद्योगपति को लिखी चिट्ठी पर ऐतराज जताया और हाईकोर्ट में केजरीवाल की चिट्ठी के तथ्यों को गलत बताया.तुषार मेहता ने कहा कि ऑक्सीजन राष्ट्रीय मामला है, इस तरह से निजी तौर पर ऑक्सीजन नहीं मांगनी चाहिए. इसकी बजाए टैंकर मांगे जाने चाहिए. दिल्ली सरकार ने कहा कि चिट्ठी में ऑक्सीजन के लिए टैंकर मांगे गए थे. अगर उनके पास अतिरिक्त ऑक्सीजन है तो दिल्ली को मिल सकती है. इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस चिट्ठी को टैंकर के लिए अनुरोध माना जा सकता है. केंद्र सरकार ने कहा कि अगर किसी के पास अतिरिक्त ऑक्सीजन है तो वो केंद्र को मिले तो हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र उद्योगों से ऑक्सीजन की अपील कर सकती है.

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SG ने कहा कि हमें अपील की जरूरत नहीं है. हमने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर उद्योगों में ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और उनसे ये ऑक्सीजन केंद्र को चिकित्सा के लिए देने को कहा है. सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम ये नहीं मानेंगे कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी नहीं है. दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी है, हमने ये हालात देखे हैं. हम केंद्र की दलील नहीं मानेंगे कि पर्याप्त ऑक्सीजन है.सुनवाई में जयपुर गोल्डन अस्पताल ने भी दिल्ली सरकार पर सही आपूर्ति न करने का आरोप लगाया. उसकी ओर से कहा गया कि हम सप्लायर से संपर्क नहीं कर पा रहे, इसकी वजह से 21 जान गईं. उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि बेवजह अस्पताल SoS ना करें तो क्या हम मौत होने के दो घंटे बाद ऑक्सीजन मांगें. अस्‍पताल की ओर से कहा गया कि दिल्ली सरकार समस्या को हल करने की बजाए बढ़ा रही है. हाईकोर्ट ने कहा INOX का कांट्रेक्ट सामान्य दिनों में था लेकिन अब केंद्र सरकार की स्कीम के तहत ऑक्सीजन आ रही है तो फिर और भी कंपनियां दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई कर रही हैं तो ये कैसे कहा जा सकता है कि अब भी INOX उन्हीं 45 अस्पतालों को ऑक्सीजन देगा.सुनवाई में SG तुषार मेहता ने कहा कि हमें मशीनरी फेल हो गई, जैसी बात नहीं करनी चाहिए.दिल्ली सरकार को आगे बढ़कर कदम उठाने चाहिए. सरकार को अस्पतालों व सप्लाईकर्ताओं के बीच बैठक करानी चाहिए. दिल्ली के अस्पतालों में लाइन लगी हैं, अस्पतालों पर भारी दबाव है, यह हमारा सुझाव है.सुनवाई के दौरान महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से कहा गया कि हमारे लोगों ने एक टैंकर का इंतजाम किया था. हमने दिल्ली सरकार से अफसरों तक, सबको संदेश भेजा. किसी ने मदद नहीं की.वो किसी दूसरे राज्य ने ले लिया.

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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की सहमति से सज्जन जिंदल जैसे उद्योगपतियो से बात कर ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए केवल टैंकर की व्यवस्था करने की इजाज़त दी, साथ ही यह भी कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई केन्द्र सरकार के जरिये ही होगी. केंद्र का कहना था कि राज्य सरकार अगर ख़ुद बिजनेसमैन से बात कर, बिना केंद्र को विश्वास में लिए ऑक्सीजन हासिल करेंगे तो ये भ्रम की स्थिति ही पैदा करेगा. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से सील कवर में रिपोर्ट मांगी है कि कस्टम ने कितने उपकरणों की क्लीयरेंस की है और कितने बचे हैं. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सारे ऑक्‍सीजन सप्लायर और रीफिलर्स के साथ आज शाम को 5 बजे मीटिंग करे और इसमें क्या तय हुआ, इसके बारे में अदालत को कल तक रिपोर्ट दें. कोर्ट ने दिल्ली के सभी ऑक्सीजन रिफिलर को मंगलवार को सुनवाई के दौरान पेश होने कहा. हाईकोर्ट ने कहा कि कि ऑक्सीजन सिलेंडर की गैर-उपलब्धता और कालाबाजारी एक गंभीर मुद्दा है .अगर वे अपनी सभी आपूर्ति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, तो रिफिलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हाईकोर्ट ने दिल्ली के सभी ऑक्सीजन रिफिलर को कल कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया.
 

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