झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में वही होगा जो चुनी हुई सरकार चाहती है, वो नहीं जो गवर्नर चाहते हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये भी आरोप लगाया कि देश के सभी राज्यों में जहाँ बीजेपी की सरकार नहीं है गवर्नर के जरिए सरकार को परेशान करने की कोशिश की जा रही है. हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया अख़बारों में छपी उस खबर को लेकर है जिसमें बताया गया है कि राज्यपाल रमेश बैस ने 1932 पर आधारित स्थानिय नीति बिल को राज्यपाल ने लौटा दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री न ये भी बताया कि अभी पेपर उनके पास नहीं आया है.
हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया झारखंड के राज्यपाल द्वारा 1932 के खातियान को लागू करने के विधान सभा से पारित बिल को क़ानूनी प्रावधान से न्यायसंगत ना होने के आधार पर लौटाने के बाद आयी है. बताते चलें कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने लोगों के अधिवास की स्थिति निर्धारित करने के लिए 1932 के भूमि रिकॉर्ड के इस्तेमाल के प्रस्ताव वाला विधेयक समीक्षा के लिए रविवार को राज्य सरकार को लौटा दिया था.
पिछले साल 11 नवंबर को विधानसभा के एक विशेष सत्र में झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और ऐसे स्थानीय व्यक्तियों के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों का विस्तार करने संबंधी विधेयक, 2022 को ध्वनि मत से पारित किया गया था. बयान में कहा गया था कि राज्यपाल ने राज्य सरकार से ‘‘विधेयक की वैधता की समीक्षा'' करने को कहा है. राज्यपाल ने कहा है कि यह ‘‘संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेशों और निर्देशों के अनुसार'' होना चाहिए.
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