बिलकिस बानो के 11 कसूरवारों को दी गई उम्रकैद की सजा में समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 13 दिसंबर यानी मंगलवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी.
आपको बता दें कि गुजरात में गोधरा कांड के बाद 2002 में बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषी गोधरा उप कारागार से रिहा हो गए थे. गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इनकी रिहाई की मंजूरी दी.
मुंबई में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को सामूहिक बलात्कार और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा.
इन दोषियों ने 15 साल से अधिक कैद की सजा काट ली, जिसके बाद उनमें से एक दोषी ने समय से पहले रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. पंचमहल के आयुक्त सुजल मायत्रा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार से उसकी सजा पर क्षमा पर गौर करने का निर्देश दिया, जिसके बाद सरकार ने एक समिति का गठन किया.
यह भी पढ़ें-
"टूर्नामेंट आते रहते हैं ...": भारत-पाक क्रिकेट संबंधों पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
"अमेरिका की तरह "Preemptive Strike" कर सकता है रूस" : परमाणु हमले वाले बयान को पुतिन ने किया और स्पष्ट
नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाते हैं कुढ़नी उपचुनाव के नतीजे : प्रशांत किशोर