जबरन धर्मांतरण-धोखाधड़ी पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

धोखाधड़ी और जबरन धर्मांतरण कराए जाने को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में  सीजेआई ललित की बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. 

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सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

धोखाधड़ी और जबरन धर्मांतरण कराए जाने को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने ने गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. SC अब 14 नवंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा.

CJI ललित की बेंच के सामने याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि लोगों को धमकाकर, उपहारों के जरिए और पैसे का लाभ देकर धोखे से धार्मिक रूपांतरण और धर्मांतरण देश में बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है. इस गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए भारतीय दंड संहिता में प्रावधान कड़े किए जाए. याचिका में केंद्र और राज्यों से कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है.

इसके अलावा याचिका में कानून आयोग से 3 महीने के भीतर धोखाधड़ी से धर्मांतरण कराए जाने के मामले पर विधेयक और धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई है. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में धर्मांतरण को लेकर एक याचिका दाखिल की है.

याचिका के मुताबिक लोगो को जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन और धर्मांतरण करने के लिए डराना-धमकाना, किसी भी प्रकार का लालच देना संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन है.

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