ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मंदिर के मसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही याचिका में सुनवाई पूरी हो गयी है. आज हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखी. दोनों पक्षों की तरफ से बहस पूरी हो गयी है. एएसआई को एफिडेविट दाखिल करने के निर्देश दिया गया है. न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की अदालत में इस मुद्दे पर बहस हुई है. एएसआई ने अभी तक एफिडेविट दाखिल नही किया है, ऐसे में कोर्ट ने एएसआई से 28 सितम्बर तक एफिडेविट दाखिल करने को कहा है. अब देखना ये है एएसआई के एफिडेविट दाखिल करने या ना करने पर क्या 28 सितम्बर को कोर्ट अपना फैसला सुनाती है या फैसले को सुरक्षित करती है.
उल्लेखनीय है कि वाराणसी की अदालत ने आठ अप्रैल, 2021 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एक समग्र भौतिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय, वाराणसी की जिला अदालत में वर्ष 1991 में दायर मूल वाद की पोषणीयता पर सुनवाई कर रहा है। वाराणसी की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने मूल वाद की पोषणीयता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. उल्लेखनीय है कि मूल वाद में उस जगह को प्राचीन मंदिर बहाल करने की मांग की गई है, जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद है. मुकदमे में दलील दी गई है कि उक्त मस्जिद वहां मौजूद मंदिर का हिस्सा है.
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