इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले की याचिका मेंटेनेबल है कि नहीं के मामले में 12 सितंबर को वाराणसी के जिला अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंची है. वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अब हाईकोर्ट 19 अक्टूबर को दोपहर 2:00 बजे से इस मामले में सुनवाई करेगा.
सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी ने अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से कुछ दिनों की मोहलत दिए जाने की मांग की. मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से इस केस से जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए है. सारे रिकॉर्ड की फोटो कॉपी की प्रमाणित प्रति 19 अक्टूबर को दोपहर 2:00 बजे से पहले कोर्ट में दाखिल की जाएगी. हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु जैन इस मामले में कोर्ट में पेश हुए.
हिंदू पक्ष की तरफ से मस्जिद कमेटी की इस याचिका को खारिज किए जाने की अपील की गई. मस्जिद कमेटी ने वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से 12 सितंबर को आए फैसले को चुनौती दी है. मस्जिद कमेटी की तरफ से एक बार फिर यह कहा गया है कि 1991 के प्लेसिस ऑफ वरशिप एक्ट के तहत इस मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती है. राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर वाराणसी की जिला अदालत में पिछले साल याचिका दाखिल की थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के जिला जज इस मामले की सुनवाई कर रहे थे. मस्जिद कमेटी ने जिला जज की कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस मुकदमे को खारिज किए जाने की अपील की थी. कहा था कि 1991 के कानून के तहत इस मुकदमे की सुनवाई नहीं की जा सकती है. वाराणसी के जिला जज ने 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था. जिला जज की कोर्ट ने राखी सिंह के केस को चलते रहने देने की मंजूरी दी थी.
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